आबादी क्षेत्र में आने की मिली सजा, ‘लेपर्ड सुल्तान’ का तबादला

आबादी क्षेत्र में आने की मिली सजा, ‘लेपर्ड सुल्तान’ का तबादला

लेपर्ड को देर रात झालाना वन क्षेत्र से दूर करते हुए जमवारागढ़ सेंचुरी में छोड़ दिया है।

जयपुर। मालवीय नगर के आबादी क्षेत्र में आए लेपर्ड को रेस्क्यू कर देर रात जमवारागढ़ सेंचुरी एरिया में छोड़े जाने की बात सामने आ रही है। झालाना लेपर्ड रिजर्व में सबसे अच्छी और शानदार साइटिंग देने वाले लेपर्ड सुल्तान को तबादले के रूप में सजा मिली है। विभाग की इस कार्यप्रणाली पर कई वन्यजीव प्रेमियों में रोष है। उनका कहना है कि एक ओर तो विभाग लेपर्ड प्रोजेक्ट और कंजर्वेशन की बात करता है, वहीं दूसरी ओर लेपर्ड रिजर्व के एनिमल को दूसरे वन क्षेत्र में छोड़ रहे हैं।


वन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लेपर्ड को देर रात झालाना वन क्षेत्र से दूर करते हुए जमवारागढ़ सेंचुरी में छोड़ दिया है। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि लेपर्ड को आबादी क्षेत्र में घुसने की सजा के तौर पर वहां छोड़ा है। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

एक मकान से दूसरे मकान की छत पर लगाता रहा छलांग

मालवीय नगर के सेक्टर 5 और 7 में लेपर्ड की दहशत का ऐसा माहौल देखने को मिला। वहीं लेपर्ड भी एक मकान की छत से दूसरे मकान की छत पर छलांग लगाता रहा। जब तक लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज नहीं किया, तब लोगों में घबराहट बनी रही। वन विभाग ने ट्रेंकुलाइज कर एक मकान की खिड़की तोड़कर बेहोश लेपर्ड को बाहर निकाला।

पेंटर दौड़ता हुआ आया, सदस्य कमरे में हुए कैद
मकान नम्बर 7/225 के निवासी हन्नी कपूर ने बताया कि घर में पेंटर काम कर रहा था, उसे खिड़की के बाहर किसी के गुरराने की आवाज आई। उसने देखा तो बघेरा बैठा था तो वह चिल्लाकर बाहर की ओर भागा। घर के सभी सदस्य भी कमरों में कैद हो गए। इसके बाद वन विभाग की टीम ने आकर लेपर्ड को ट्रेंकुलाइज किया, तब सभी ने राहत की सांस ली।

मैंने सोचा डॉगी आया है...
7/225 की निवासी सरोज कपूर ने सुबह 8.45 बजे सबसे पहले लेपर्ड को छत पर छलांग लगाते हुए देखा था, लेकिन मैं उसे डॉगी समझ बैठी। आसपास के लोग चिल्लाये की कॉलोनी में लेपर्ड आया है। ये सुनने के बाद मेरे हाथ-पांव फूल गए और घबराकर घर के अंदर भाग गई।


पता चला तो घर के अंदर भागे
7/224 के निवासी डीपी. मिश्रा ने बताया कि सुबह नौ बजे लेपर्ड-लेपर्ड चिल्लाने की आवाज सुनी। सामने के घरों में लोगों ने लेपर्ड की सूचना दी। घर के सभी सदस्य मकान के अंदर की ओर भागे। लेपर्ड छिपने के लिए दो मकानों के बीच गेप में घुस गया, जहां से उसे बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला और वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे वहीं ट्रेंकुलाइज किया।

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