कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध, इस संबंध में लिए महत्वपूर्ण निर्णय: गहलोत

कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध, इस संबंध में लिए महत्वपूर्ण निर्णय: गहलोत

राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जोधपुर के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय भवन का शिलान्यास व 5 पशु विज्ञान केन्द्रों (जोधपुर, अविकानगर (टोंक), रतनगढ़ (चूरू), डूंगरपुर, झुंझुनूं) एवं कृषि महाविद्यालय नागौर के भवन का लोकार्पण व कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया।

जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जोधपुर के पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय भवन का शिलान्यास व 5 पशु विज्ञान केन्द्रों (जोधपुर, अविकानगर (टोंक), रतनगढ़ (चूरू), डूंगरपुर, झुंझुनूं) एवं कृषि महाविद्यालय नागौर के भवन का लोकार्पण व कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर के प्रशासनिक भवन का शिलान्यास किया।

कृषि व पशुपालन के लिए कारगर नीति बनाने की जरूरत: राज्यपाल
राज्यपाल कलराज मिश्र ने समारोह में अपने संबोधन में कृषि और पशुपालन का राज्य के विकास का मुख्य आधार बताते हुए कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हुए आधुनिक विकास का लाभ किसान और पशुपालकों को मिलना चाहिए। मिश्र ने कहा कि कृषि व पशुपालन को सुदृढ़ करके ही अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। मारवाड़ में प्राकृतिक विपदाएं आती रहती है, ऐसे में यहां पर कृषि व पशुपालन के लिए कारगर नीति बनाने की जरूरत हैं। कृषकों व पशुपालकों को सम्मानित करने की योजना भी बनाने की जरुरत है।

राज्यपाल ने प्रदेश में कृषि, पशुपालन और डेयरी उत्पादों के लिए प्रभावी विपणन नीति बनाने पर बल दिया है ताकि ये उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना सकें। उन्होंने कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रही बड़ी आबादी की आजीविका का मुख्य आधार कृषि और पशुपालन ही है। पश्चिमी राजस्थान में विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए खेती के अलावा किसान अनुपूरक आय के लिए पशुपालन पर निर्भर है, ऐसे में पशुधन के बेहतर प्रबंधन के साथ पशुधन संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत है। उन्होंने पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विवि बीकानेर को स्थान विशेष की विशेषताओं पर आधारित उत्पादों के प्रोत्साहन और विपणन के लिए कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया।

पशुओं के लिए होगी 102 नंबर की एम्बुलेंस, घर जाकर करेगी इलाज: गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोराना संक्रमण के इस दौर में जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी गति से आगे बढ़ रही है, राजस्थान की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का 14 प्रतिशत एवं पशुपालन सेक्टर का 12.5 प्रतिशत योगदान है। राज्य सरकार का प्रयास है कि कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र का विस्तार तेज गति से हो। इन दोनों सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए पिछले तीन बजट में राज्य सरकार ने एक से बढ़कर एक फैसले लिए हैं। इनमें आगामी वित्तीय वर्ष से कृषि का अलग बजट तथा कृषक कल्याण कोष में 2 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान शामिल है। पशुपालकों को दूध पर 2 रुपए प्रति लीटर बोनस दिया जा रहा है।

गहलोत ने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के हर गांव में डेयरी का विस्तार हो। इससे पशुपालकों को लाभ मिलेगा और डेयरी के बूथ खुलेंगे तो लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर पशु विज्ञान केंद्र खोलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर जिले में यह केंद्र खुले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एम्स, आईआईटी, विधि विश्वविद्यालय, निफ्ट तथा कृषि एवं पशु विज्ञान के विश्वविद्यालय खुलने से यहां के छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा है और प्रशिक्षित मैनपावर उपलब्ध होने में आसानी हुई है। गहलोत ने कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने अपने कार्यक्रमों में संविधान की उद्देश्यिका और मूल कर्तव्यों के वाचन की पहल की है। नागरिकों को संविधान की मूल भावना के प्रति जागरुक बनाने की दिशा में उनकी यह पहल अनुकरणीय है। 

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