जमवारामगढ़ में महिला की पैर काट कर हत्या : BJP ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
राज्य में बढ़ रहे अपराध व बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी दोषी हैं, उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिए- सतीश पूनिया
जयपुर।जमवारामगढ़ क्षेत्र में महिला की पैर काट कर हत्या मामले पर सियासी पारा भी गर्म नजर आया। बीजेपी नेताओं ने एक स्वर में सूबे की गहलोत सरकार को पूरे मामले को लेकर कानून व्यवस्था को चौपट बताया। जमवारामगढ़ मामले पर बयान देते हुए भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री डॉ अलका गुर्जर ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को ट्विटर पोलिटिक्स छोड़ कर कांग्रेस शासित प्रदेशों की कानून व्यवस्था पर भी ध्यान देंना चाहिए। साथ ही प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को नसीहत देते हुए कहा कि राजस्थान आकर बहन-बेटियों पर निरन्तर हो रहे अत्याचारों की भी सुध लेनी चाहिए और मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अशोक गहलोत से कानून व्यवस्था पर जवाब मांगना चाहिए।
पूनिया ने मुख्यमंत्री से मांगा इस्तीफा
वहीं जयपुर के जमवारामगढ़ से लेकर राजस्थान की बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां जी ने बीकानेर में मीडिया से बातचीत कहा कि राज्य में बढ़ रहे अपराध व बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी दोषी हैं, उन्हें तुरंत इस्तीफा देना चाहिएl
अपराधियों के हौसले बुलंद जमवारामगढ़ के अपराधी अभी तक नहीं पकड़े गए: राठौड
राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी कर कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार के कुशासन में लचर कानून व्यवस्था के कारण अपराधियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ में महिला की बेरहमी से हत्या करके अपराधी फरार हो गए और अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। राजस्थान में पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं होने के कारण महिलाओं के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं और पुलिस नाकाम साबित हो रही है इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो गृह विभाग के भी मुखिया है उन्हें तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे देना चाहिए।
राठौड़ ने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म के मामलों में राजस्थान वर्ष 2019 के बाद वर्ष 2020 में फिर से देश में पहले पायदान पर है। राजस्थान में प्रतिदिन करीब 15 मामले रेप के सामने आना यह दर्शाता है कि राज्य में बहन-बेटियां बिल्कुल भी महफूज नहीं है। अनुसूचित जाति के खिलाफ अत्याचार में राजस्थान का देश में तीसरा और अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध में दूसरा स्थान है।
राठौड़ ने कहा कि राजस्थान पुलिस के मासिक प्रतिवेदन के अनुसार राज्य में सितंबर 2021 तक दर्ज महिला संबंधित अत्याचार जिनमें दहेज, दहेज आत्महत्या का दुष्प्रेरण, महिला उत्पीड़न, बलात्कार, छेड़छाड़ और अपहरण शामिल है, उनमें वर्ष 2021 में अब तक 31 हजार 244 मामले दर्ज हुए हैं जो विगत वर्ष 2020 में 26 हजार 004 दर्ज मामलों से 5204 मामले अधिक है। यानी कि विगत वर्ष 2020 से वर्ष 2021 सिंतबर माह तक महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों में 20.15 % से ज्यादा की बढ़ोतरी, गहलोत सरकार के महिला सुरक्षा को लेकर तमाम दावों की पोल खोल रही है।
राठौड़ ने कहा कि ''लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ'' का नारा देकर उत्तरप्रदेश की महिलाओं के प्रति संवेदनशील होने का ढोल पीटने वाली प्रियंका गांधी जी को राजस्थान में महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार नजर नहीं आ रहे हैं। प्रदेश में महिलाओं के साथ निरंतर हो रही ऐसी क्रूरतम घटनाओं से बार-बार प्रमाणित हो रहा है कि इस गूंगी-बहरी कांग्रेस सरकार को महिलाओं की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। प्रदेश में बढ़ते अपराध के कारण आज बहन-बेटियां घर से बाहर निकलने में भी घबरा रही हैं।
राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से कभी शांतिप्रिय रहा राजस्थान प्रदेश आज अपराधियों की वो शरणस्थली बन चुका है जहां अपराधी बेखौफ होकर दहशतगर्दी का माहौल बना रहे हैं और आमजन भयभीत है। राजस्थान में व्याप्त जंगलराज को आज हर आमजन भुगत रहा है और कांग्रेस सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने का पूरी तरह मन बना चुका है।
Comment List