बिजली संकट पर रार : केंद्र की जिम्मेदारी, राज्यों को बिजली संकट से निकाले: गहलोत
राजस्थान में सरकार ने समय पर कोयला नहीं उठाया इसलिए बिजली का संकट गहराया: सतीश पूनिया
जयपुर। प्रदेश में बिजली संकट को लेकर सियासी रार भी देखने को मिल रही है। नेता आरोप-प्रत्यारोप से एक दूसरे को निशाने पर ले रहे है। बिजली संकट को लेकर जहां सीएम गहलोत ने जयपुर स्थित शासन सचिवालय में बयान दिया वहीं बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने जोधपुर में पूरे मामले को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
राजस्थान में बिजली संकट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को राजस्थान की स्थिति से अवगत करवा दिया है। राज्य के अफ़सर लगातार केंद्र के संपर्क में है। सचिवालय में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि खदानों में पानी भरना महज एक कारण हुआ है। मुझे जानकारी मिली है कि जो प्लांट में ठेकेदार थे, वही फेल हो गए हैं। यह संकट कई राज्यों में है। राजधानी दिल्ली में भी स्थितियां खराब है। चीन और यूरोप में भी संकट है। दाम बढ़ गए हैं,फिर भी कोयला उपलब्ध नहीं है। स्थितियां अजीबोगरीब बन रही है और सुनकर भी आश्चर्य होता है। केंद्र की जिम्मेदारी है राज्यों को इस संकट से निकाले। 500 या 600 करोड़ बकाया है, यह सब मामूली बातें हैं। अरबो रुपए के कोयले बिकते हैं तो 500 करोड़ के क्या मायने है। मुझे उम्मीद है केंद्रीय ऊर्जा मंत्री इस संकट का हल निकालेंगे। कोई कमी नहीं है कोयले की। यह कहकर केंद्र का राज्यों पर जिम्मेदारी डालना सही है।
राजस्थान में सरकार ने समय पर कोयला नहीं उठाया इसलिए बिजली का संकट गहराया: सतीश पूनिया
जोधपुर। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रदेश में गहराई बिजली संकट के लिए राजस्थान सरकार को दोषी करार देते हुए कहा है कि राजस्थान में सरकार ने समय पर कोयला लिफ्ट नहीं किया जिसकी वजह से अब बिजली उत्पादन यूनिटों में बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है । पूरे देश भर में कोयले की कमी है लेकिन राजस्थान में कोयले की आपूर्ति जब हो रही थी । उस वक्त इन्होंने कोयला लेने में लापरवाही बरती । उन्होंने कहा कि राजस्थान में 50 साल तक कांग्रेस का राज रहा है बावजूद उसके पश्चिमी राजस्थान को सोलर ऊर्जा का नहीं बनाया जा सका है।
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