मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र
पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को और कम कर जनता को राहत दें
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर केन्द्र सरकार की ओर से पेट्रोल और डीजल पर लगाई जा रही एक्साइज ड्यूटी को और कम करने का आग्रह किया है ताकि महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत मिल सके। गहलोत ने लिखा कि केन्द्र एक्साइज ड्यूटी कम करने के साथ ही राज्यों का वैट आनुपातिक रूप से अपने आप ही कम हो जाता है। केन्द्र सरकार के पेट्रोल पर पांच रुपए प्रति लीटर तथा डीजल पर 10 रु. प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी कम करने से राज्य में वैट की दर में पेट्रोल पर 1.8 रु. प्रति लीटर व डीजल पर 2.6 रु. प्रति लीटर की कमी स्वत: हो गई है। इससे राज्य के वैट राजस्व में लगभग 1800 करोड़ रु. प्रति वर्ष की हानि होगी। सेस और एक्स्ट्रा एक्साइज ड्यूटी का लाभ केन्द्र को, राज्यों का हिस्सा घटा: गहलोत ने लिखा कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 2014 से उत्तरोत्तर वृद्धि करते हुए पेट्रोल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी 6 रु. से बढ़ाकर 11 रु. प्रति लीटर और अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी 2 रु. से बढ़ाकर 18 रु. प्रति लीटर तथा डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी शून्य से बढ़ाकर 8 रु. प्रति लीटर तथा अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी 2 रु. से बढ़ाकर 18 रु. प्रति लीटर कर दी है। वर्ष 2021 के केन्द्रीय बजट में नवीन उपकर एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट सेस 2.50 रु. प्रति लीटर पेट्रोल पर और चार रुपए प्रति लीटर डीजल पर लगा दिया है। इस बढ़ोतरी का लाभ केवल केन्द्रीय राजस्व को मिलता है, जबकि डिविजीबल पूल में आने वाली बेसिक एक्साइज ड्यूटी में उत्तरोत्तर कमी की है, इससे राज्यों को मिलने वाले करों के हिस्से में कमी आई है।
जीएसटी राशि का बकाया हमारे लिए चुनौतीपूर्ण:
गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने कोविड-19 से हुई राजस्व में कमी के बावजूद विकास एवं सामाजिक सुरक्षा के कार्यों को गति दी है। ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को जीएसटी पुनर्भरण के 5,963 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया होना राज्य के वित्तीय प्रबन्धन के लिए चुनौतीपूर्ण है। इसलिए वित्तीय संघवाद को सुदृढ़ करने के लिए केन्द्र सरकार से पुन: आग्रह है कि यह बकाया राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए और राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति पुनर्भरण की अवधि वर्ष 2027 तक बढ़ाई जाए।
जनवरी में हमने दो प्रतिशत वैट घटाया
उन्होंने कहा कि जनता को राहत देने के लिए हमारी सरकार ने 29 जनवरी, 2021 को वैट में दो प्रतिशत की कमी की थी। इससे राज्य को वैट राजस्व में एक हजार करोड़ रुपए प्रति वर्ष की हानि हुई। अब राज्य के कोष पर कुल 2800 करोड़ प्रति वर्ष की राजस्व हानि का भार आ गया है।
जनहित में नुकसान उठाने को तैयार: मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से अपील की कि केन्द्र एक्साइज ड्यूटी में और कमी करके महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत प्रदान करे। कोरोना के प्रभाव और अन्य सभी वित्तीय चुनौतियों के बावजूद केन्द्र सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी और कम किए जाने पर राजस्थान सरकार जनहित में राज्य के वैट राजस्व में होने वाली हानि उठाने को तैयार है।
कांग्रेस शासित पंजाब में पेट्रोल दस और डीजल पांच रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ
चंडीगढ़। केंद्र और अन्य पड़ोसी राज्यों का अनुसरण करते हुये पंजाब सरकार ने भी पेट्रोल और डीज़ल पर वैट में क्रमश: दस रुपए और पांच रुपए प्रति लीटर की कटौती करने की रविवार को घोषणा की। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने उनकी अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैक के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए यह जानकारी दी। ये कीमतें रविवार आधी रात से प्रभावी होंगी। केंद्र और राज्य सरकारों के पेट्रोल-डीजल पर करों में कटौती से तेल की कीमतों में लगभग 15 रुपए तक की कमी आने की संभावना है।
मंत्रिमंडल संविधान के अनुसार संयुक्त उत्तरदायित्व से चलता है। चूंकि पंजाब के कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी राजस्थान के राजस्व मंत्री है। वे मंत्रिमंडल के सदस्य है। जब पंजाब सरकार ने डीजल-पेट्रोल पर वैट घटा दिया तो राजस्थान में वैट में कमी क्यों नहीं कर रहे। - राजेन्द्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष, विधानसभा
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