रीट और एसआई भर्ती पेपर लीक मामला : बेरोजगार बैठे आमरण अनशन पर
मांगे पूरी नहीं होने तक आमरण अनशन रहेगा जारी
जयपुर। रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा लेवल-1 से बीएड धारियों की मांग को लेकर चार दिन पहले शुरू हुआ प्रदर्शन अब क्रमिक अनशन में बदल गया है। रीट और एसआई भर्ती की सीबीआई जांच कराने सहित अपनी 21 मांगों को लेकर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में बीएसटीसी अभ्यर्थी गुरूवार को अनशन पर बैठ गए हैं इसके साथ ही धरने पर बैठे हुए अभ्यर्थियों ने अब आर-पार की लड़ाई की भी घोषणा कर दी है।उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती है तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा।
उपेन यादव ने कहा कि अब आश्वासन पर बेरोजगार युवा मानने वाला नहीं है उन्हें परिणाम चाहिए। सरकार से जो लिखित समझौता हुआ, वह मांगे भी अभी अधूरी है। इससे बेरोजगारों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है। उपेन यादव ने कहा कि रीट पेपर लीक मामले में बत्तीलाल गिरफ्तार हो चुका है लेकिन अब भी ऐसे कई लोग हैं जिनकी गिरफ्तारी होना बाकी है। रीट का पेपर कहां-कहां किस-किस के पास गया है इसका भी खुलासा होना चाहिए और दोषियों को गिरफ्तार करना चाहिए। यादव ने कहा कि इस मामले में राजनीतिक संरक्षण देने वाले बड़े लोगों का नाम भी सामने आएगा। एसओजी पर हमें विश्वास नहीं है इसलिए हम सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। अब तक लाइब्रेरी और जेईएन मामले का भी खुलासा नहीं हो पाया है और अपराधी भी पकड़ से बाहर हैं इसलिए हमें एसओजी पर विश्वास नहीं है।
गौरतलब है कि 26 सितम्बर को आयोजित हुई रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा लेवल-1 में बीएड धारियों को शामिल करने के आदेश हाईकोर्ट की ओर से दिए गए, जिसके बाद लेवल-1 में करीब 12 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया। प्रदेश में बीएसटीसी अभ्यर्थियों की संख्या करीब 4 लाख है, लेकिन परीक्षा में 12 लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने के बाद अब इनको चिंता सताने लगी है कि कहीं इनका सरकारी नौकरी लगने का सपना टूट ना जाए।
क्रमिक अनशन पर बैठे हुए बीएसटीसी अभ्यर्थी मुकेश रॉयल का कहना है कि एनसीईटी का जो नियम है उसको राजस्थान में गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। एनसीईटी का साफ कहना है की जहां बीएसटीसी अभ्यर्थियों की संख्या कम है वहां आप लेवल-1 में बीएड धारियों को शामिल करें, जिसके चलते दिल्ली और हरियाणा में लेवल-1 में सिर्फ बीएसटीसी अभ्यर्थियों को ही शामिल किया जा रहा है। ऐसे में 26 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में सरकार को ये पक्ष मजबूती से रखना चाहिए।
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