इंटेलिजेंस और प्रशासन का अलर्ट मान लिया होता तो नहीं होता उपद्रव
धार्मिक यात्रा, जुलूस, भजन संध्या और धार्मिक आयोजनों को लेकर जारी किया था अलर्ट
तीन सदस्यीय कमेटी ने सीएम गहलोत को सौंपी रिपोर्ट, दोनों पक्षों की गलती और पुलिस की भी लापरवाही मानी
जयपुर। करौली में गुरूवार को 2 घंटे की कर्फ्यू में छूट दी गई। सुबह 9 से 11 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। इस दौरान लोग बाजारों में जरूरी सामान लेने के लिए निकले। इस दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात रहा। लेकिन पुलिस मुख्यालय की इंटेलिजेंस और प्रशासन (कानून व्यवस्था) विंग की ओर से धार्मिक आयोजनों को लेकर जारी किए गए अलर्ट को यदि करौली जिला पुलिस ने गंभीरता से लिया होता तो वहां उपद्रव नहीं होता। इन दोनों ही ब्रांच ने मार्च के अंत में प्रदेशभर की जिला पुलिस को अलर्ट जारी किया था, फिर भी करौली में सीआई, डिप्टी एसपी, एएसपी और एसपी ने गम्भीरता नहीं दिखाई और उपद्रवी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए। अब पुलिस मुख्यालय ने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। उच्चाधिकारियों ने लापरवाह अधिकारियों की पूरी जानकारी सीएमओ को दे दी है। जल्द ही उच्च स्तर पर बड़ी कार्रवाई होगी।
उच्चाधिकारियों ने सीएमओ में रखी बात, लापरवाह पुलिस अफसरों पर हो कार्रवाई
बवाल को समेटने में 3 अधिकारी रातभर जागे
करौली पुलिस की लापरवाही के कारण पुलिस मुख्यालय के अधिकारी भी जूझते नजर आए। उपद्रव को रोकने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए डीजीपी एमएल लाठर, डीजी (इंटेलिजेंस) उमेश मिश्रा और एडीजी (कानून-व्यवस्था) हवासिंह घुमरिया को रातभर जागना पड़ा और पल-पल की खबर रखकर मौके पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। पुलिस मुख्यालय से भेजे चार आईपीएस में से दो ने बेहतर कार्य किया।
आरपीएस को नाकाबंदी में लगाया
करौली में तनाव शुरू हो गया, कर्फ्यू लगाने के साथ नेटबंदी लागू कर दी गई। पुलिस मुख्यालय से भेजे अधिकारियों ने फील्ड में जाकर दौरा किया तो पता चला कि कानून-व्यवस्था बनाने में लगाए गए जाब्ता भी सही नहीं है। जयपुर से भेजे गए कई आरपीएस अधिकारियों को नाकाबंदी में लगा दिया गया जबकि एएसआई और एसआई स्तर के अधिकारी गाड़ियों में घूमकर स्थिति को देख रहे थे। यह सब देखकर नए तरीके से जाब्ता लगाया गया।
राजाराम को पकड़ने के लिए दबिश
करौली उपद्रव की नामजद एफआईआर में शामिल जयपुर मेयर सौम्या गुर्जर के पति को पकड़ने के लिए पुलिस टीम लगातार दबिश दे रही है। तीन अप्रैल से फरार राजाराम के लिए एक टीम यूपी भी भेजी गई है। करौली उपद्रव में पुलिस अभी तक 22 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा ने धार्मिक आयोजनों को लेकर गत माह में ही लिखित में आदेश जारी कर दिए थे। करौली में इस आदेश को गम्भीरता से नहीं लिया गया। किसी भी लापरवाह अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
-मोहन लाल लाठर, पुलिस महानिदेशक, राजस्थान
तीन सदस्यीय कमेटी ने सीएम गहलोत को सौंपी रिपोर्ट, दोनों पक्षों की गलती और पुलिस की भी लापरवाही मानी
करौली पथराव मामले में कांग्रेस की गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने मौका स्थल का दौरा कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप दी है। रिपोर्ट में दोनों पक्षों की गलती मानी है और पुलिस की लापरवाही भी बड़ा कारण है।
इस कमेटी में भरतपुर संभाग प्रभारी विधायक डॉ. जितेन्द्र सिंह, राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष विधायक रफीक खान और करौली प्रभारी ललित यादव थे। कमेटी सदस्य ललित यादव ने बताया कि रैली निकालने वाले लोगों की गलती यह थी कि वे लगातार भड़काऊ नारेबाजी करते रहे तो वहीं छतों पर मौजूद दूसरे पक्ष की गलती यह थी कि उन्होंने अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रखकर पथराव किया। गहलोत को सौंपी रिपोर्ट में कमेटी ने सिफारिश की है कि सीसीटीवी फुटेज में जो नजर आ रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। घटनाक्रम में साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने में किसी भी पार्टी के व्यक्ति ने कोशिश की हो, उसके खिलाफ बिना भेदभाव के सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। रिपोर्ट में पुलिस की भी गलती मानी है।रैली में लाउड स्पीकर बजाने की अनुमति नहीं होने के बावजूद पुलिस ने नहीं रोका। प्रशासन के पास मौजूद 30 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को रैली में नहीं लगाकर रिजर्व में बिठाए रखा। रिपोर्ट में हिंसा और आगजनी घटना में हुए नुकसान का ब्यौरा भी दिया है।
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