मुख्यमंत्री के चार फैसले : कोविड-19 में अनाथ हुए बच्चों को कॉलेजों में मिलेगी नि:शुल्क शिक्षा
दूसरी ओर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से संबंधित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग के लिए डीबीटी सलाहकार बोर्ड का गठन, शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को प्रभावी बनाने के लिए खाद्य सुरक्षा निदेशालय का गठन करने के साथ ही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए 16 करोड़ के अतिरिक्त बजट की मंजूरी प्रदान की है।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को चार महत्वपूर्ण फैसले किए है। एक ओर जहां कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को अब महाविद्यालयों में भी नि:शुल्क शिक्षा देने का निर्णय लिया है। वहीं दूसरी ओर प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से संबंधित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग के लिए डीबीटी सलाहकार बोर्ड का गठन, शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को प्रभावी बनाने के लिए खाद्य सुरक्षा निदेशालय का गठन करने के साथ ही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए 16 करोड़ के अतिरिक्त बजट की मंजूरी प्रदान की है।
अनाथ 306 विद्यार्थियों को नि: शुल्क मिलेगी उच्च शिक्षा
कोविड-19 महामारी के कारण अनाथ हुए बच्चों को अब सरकारी विद्यालयों के साथ-साथ प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों में भी नि:शुल्क शिक्षा एवं कॉलेज छात्रावासों में नि:शुल्क प्रवेश प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में संवेदनशील निर्णय करते हुए ऐसे 306 विद्यार्थियों को राजकीय महाविद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा तथा छात्रावासों में नि:शुल्क प्रवेश दिए जाने की मंजूरी दी है। पूर्व में मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के तहत कोरोना के कारण अनाथ हुए बच्चों को कक्षा-12 तक सरकारी विद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा एवं आवासीय विद्यालय छात्रावासों में नि:शुल्क प्रवेश देने का प्रावधान था।
डीबीटी सलाहकार बोर्ड के सीएस होंगे चेयरमैन
प्रदेश में सीएसएस की विभिन्न विभागों द्वारा संचालित प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से संबंधित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग एवं मूल्यांकन के लिए मुख्यमंत्री ने डीबीटी सलाहकार बोर्ड के गठन को मंजूरी दी है। इस बोर्ड के चेयरमैन मुख्य सचिव और कुल 11 सदस्य होंगे। बोर्ड प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन एवं तकनीकी सहयोग के लिए भारत सरकार के डीबीटी मिशन के साथ समन्वय स्थापित करेगा एवं राज्य सरकार के विभिन्न विभागों को निर्देशित करेगा। बोर्ड डीबीटी योजनाओं का समयबद्ध रूप से लाभ संबंधित लाभार्थियों को मिल सके, यह सुनिश्चित करेगा।
खाद्य सुरक्षा निदेशालय के लिए 185 पदों का सृजन
प्रदेश में ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान के सतत एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए खाद्य सुरक्षा निदेशालय का गठन किए जाने के प्रस्ताव को सीएम ने मंजूरी दी है। इस निदेशालय के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर 185 पदों के सृजन को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए राज्य स्तर पर आयुक्त खाद्य सुरक्षा (आईएएस), अतिरिक्त आयुक्त खाद्य सुरक्षा (आरएएस), संयुक्त आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं लेखाधिकारी के एक-एक पद सहित कुल 26 पदों (खाद्य सुरक्षा अधिकारी के पूर्व में स्वीकृत 7 पद सहित) के सृजन को मंजूरी दी है। जिला स्तर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी, सूचना सहायक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के कुल 159 पदों के सृजन पर भी सहमति दी है।
अभियान के आवेदनों का तुरंत निस्तारण
मुख्यमंत्री गहलोत ने मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के लिए 16 करोड़ के अतिरिक्त बजट प्रावधान को मंजूरी दी है। गहलोत के इस निर्णय से ‘प्रशासन गांवों के संग-प्रशासन शहरों के संग’ अभियान के दौरान इस योजना में प्राप्त होने वाले आवेदनों का शीघ्र निस्तारण संभव होगा और लाभार्थियों को जल्द सहायता राशि स्वीकृत की जा सकेगी।
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