किसी भी देश और सभ्यता का आंकलन उसकी न्याय व्यवस्था से: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने कैफे एंड ई लाइब्रेरी का किया उद्घाटन
उपराष्ट्रपति ने कहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपकी बहुत मदद कर सकता है बार को टेक्नोलॉजी के लिए सेशन करवाना चाहिए।
जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि न्यायपालिका हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण अंग है इसमें सबऑर्डिनेट शब्द की कोई जगह नहीं है। कोई भी न्यायालय सबॉर्डनेट नहीं, इसमें बदलाव होना चाहिए। उन्होंने न्यायपालिका पर टिप्पणी करते हुए कहा जब मजिस्ट्रेट या जिला जज फैसला लिखता है तो उनके मन में एक शंका रहती है कि मेरे फैसले पर क्या टिप्पणी होगी। वह फैसला उसके भविष्य को निर्वहन करता है। हम सभी को इनके प्रति सहानुभूति रखनी चाहिए। वे राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर झालाना में रविवार को दी बार एसोसिएशन जयपुर की ओर से नवनिर्मित कैफे एंड लाइब्रेरी एवं लॉयर्स डॉयरी 2025 के विमोचन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।
धनखड़ ने कहा कि उद्योगपति एवं कॉर्पोरेट समूहों को अन्य संस्थानों को प्रदान की जाने वाली सहायता की तर्ज पर न्यायपालिका के कार्यान्वयन में भी सहायता करनी चाहिए। कॉर्पोरेट्स के पास सीएसआर फंड है वे उन्हें लोकल अदालतों में इनवेस्ट करें। संसद में कानून पारित कर नागरिक संहिता में हुए परिवर्तन पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति ने इसे दंडविधान से न्यायविधान की यात्रा बताते हुए कहा कि लंबे समय की मांग के बाद अंग्रेजों के बनाए इन कानूनों को निरस्त किया है जो नए वकीलों के लिए वरदान हैं। उन्होंने कहा हमें न्याय प्राप्ति सस्ता और सुलभ बनाना है। लोगों को गुणवत्तापूर्ण न्याय देना है। जिला न्यायालय में वकील बहुत ही चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कार्य करते हैं। कोविड काल में सुप्रीम कोर्ट तक के वकीलों ने वकालत छोड़ दी थी। ऐसे पेशे को कोई छोड़ता है तो वह आप और हम पर बहुत बड़ी टिप्पणी है।
देश में वकीलों और कानून स्नातकों के लिए अच्छी संस्थाएं
धनखड़ ने कहा कि हमें युवा वकीलों में निवेश करना होगा। देश में वकीलों और कानून स्नातकों के लिए अच्छी संस्थाएं हैं। कहीं ऐसा न हो की वे टिक ना पाएं। इसके सामूहिक प्रयास होने चाहिए। उपराष्ट्रपति ने नवनिर्मित कैफे एंड ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन और लॉयर्स डायरी-2025 का विमोचन किया। इसी बीच उपराष्ट्रपति ने बार एसोसिएशन अध्यक्ष एडवोकेट पवन शर्मा और महासचिव एडवोकेट राजकुमार शर्मा की जोड़ी को शोले फिल्म के जय और वीरू बताकर कहा कि इनको सब नुस्खे पता है। आज कार्यक्रम में आना मुश्किल था, मगर ये वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश शर्मा को साथ ले आए तो मुझे इनके कार्यक्रम में आने की मुहर लगानी पड़ी।
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