भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक: 60 दिन पूर्व देनी होगी कलक्टर को सूचना, अध्यादेश को दी मंजूरी
अब बिना इजाजत धर्म परिवर्तन करने या कराने पर 10 साल तक की सजा, विधानसभा में कानून लाएगी राज्य सरकार
राजस्थान की भजनलाल सरकार प्रदेश में धर्म परिवर्तन को कानून के दायरे में ले आई है
जयपुर। राजस्थान की भजनलाल सरकार प्रदेश में धर्म परिवर्तन को कानून के दायरे में ले आई है। अब बिना इजाजत के धर्म परिवर्तन करने या कराने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। सीएम भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई केबिनेट की बैठक में इसके लिए राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024 को मंजूरी दी है। केबिनेट की मंजूरी के साथ ही अध्यादेश लागू हो गया है। आगामी विधानसभा सत्र में बिल रखकर इसे पारित कराया जाएगा। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा और विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि अब तक प्रदेश में धर्मान्तरण का कोई कानून नहीं था। अब इस कानून के तहत कोई व्यक्ति या संस्थान किसी व्यक्ति को प्रलोभन देकर, मिथ्या निरूपण, कपट या बलपूर्वक, अनुचित प्रभाव से धर्म परिवर्तन नहीं करा सकेगा। लव जिहाद भी इस कानून के दायरे में रखा गया है। अगर कोई व्यक्ति धर्म परिवर्तन कराने के लक्ष्य से विवाह करता है। तो फैमिली कोर्ट ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकेगा। लव जिहाद पर सख्ती से नियंत्रण के लिए कानून में प्रावधान किए गए हैं। जिला कलक्टर को 60 दिन पहले धर्म परिवर्तन की सूचना विधिक तरीके से देनी होगी। अन्यथा कानून सम्मत धर्म परिवर्तन नहीं माना जाएगा।
सजा का यूं किया गया है प्रावधान
तय कानून से इत्तर अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन पर 1 से 5 साल, नाबालिग व एससी-एसटी का धर्म परिवर्तन कराने पर 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान रखा गया है। दूसरी और तीसरी बार इसी तरह के कृत्य करने या फिर सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने के दोषी मिलने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। राजस्थान में पूर्व वसुन्धरा राजे सरकार के वक्त धर्म परिवर्तन कानून बनाया गया था लेकिन राज्यपाल ने बिल को पारित करने की जगह राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेज दिया गया था। बिल लागू नहीं हो सकता था। अब फिर भजनलाल सरकार इस कानून को लाई है। यूपी व एमपी में 2021, उत्तराखंड में 2018, गुजरात में 2019, हिमाचल में 2019, झारखंड में 2017, कर्नाटक में 2022 और इनसे कई सालों पूर्व उड़ीसा में 1967 में ही यह कानून लाया जा चुका है।
-लव जिहाद भी दायरे में होगा, उल्लंघन गैर जमानती अपराध होगा
ये भी बड़े फैसले हुए
एससी-एसटी वर्ग को बड़ी राहत, जमीन भू-रूपान्तरण आसान
एससी-एसटी वर्ग को अब अपनी खातेदारी की जमीन के औद्योगिक, व्यावसायिक, आवासीय में बदलना आसान होगा। तहसीलदार स्तर पर ही वे जमीन भू रूपान्तरण करवा सकेंगे। इसके लिए कृषि भूमि का अकृषि प्रयोजनार्थ लैंड कंवर्जन रूल्स-2007 में संशोधन किया गया है। वहीं काश्तकारी अधिनियम 1955 की धारा 42 के तहत अपनी कृषि भूमि को अक्षय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स को कंपनी को नहीं दे सकते थे, अब लीज पर दे सकेंगे। कंवर्जन चॉर्ज में भी छूट दी जाएगी।
जयपुर मेट्रो विस्तार की राह, केन्द्र-राज्य जेवी कंपनी बनाएंगे
जयपुर में मेट्रो रेल के विस्तार और विकास को केन्द्र-राज्य की संयुक्त उद्यम कम्पनी बनेगी। केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सुझाव दिया है। केबिनेट में पूर्व में केन्द्र सरकार और वर्तमान जेएमआरसी के बीच संयुक्त उद्यम कम्पनी बनाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया। केबिनेट के अनुमोदन के पश्चात अब केन्द्र सरकार को पुन: विस्तृत प्रस्ताव भिजवाया जाएगा। निर्माणाधीन एवं भविष्य की सभी मेट्रो रेल परियोजनाओं को इस जेवी के माध्यम से लागू किया जाएगा। अभी जयपुर में संचालित मेट्रो का निर्माण, संचालन और रख रखाव का अधिकार भी इसी कंपनी के पास रहेगा।
बीकानेर-भरतपुर में विकास प्राधिकरण बनेंगे
बीकानेर-भरतपुर में विकास प्राधिकरण बनेंगे, इसके अध्यादेश लाए जाएंगे। विधानसभा में बिल पारित होगा। बीकानेर विकास प्राधिकरण में नगर विकास न्यास बीकानेर के वर्तमान क्षेत्र के अलावा नापासर व देशनोक, आसपास के 185 गांव शामिल होंगे। भरतपुर विकास प्राधिकरण में नगर विकास न्यास भरतपुर के वर्तमान क्षेत्र के साथ-साथ 209 गांव शामिल होंगे।
वेतन विसंगति निराकरण को खेमराज समिति की सिफारिशें लागू होंगी
कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने, वेतन सुधारों तथा पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर देने के लिए रिटायर्ड आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में बनी कमेटी की दी गई सिफारिशों को लागू किया जाएगा। इन्हें 1 सितम्बर 2024 से लागू किया जाएगा। 7वें राज्य वित्त आयोग का गठन होगा: पंचायती राज संस्थाओं एवं नगरपालिकाओं के लिए 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। इस आयोग की अवार्ड अवधि 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगी। संविदा कर्मियों की पारिश्रमिक बढ़ोतरी अब 1 जुलाई या 1 जनवरी को होगी: राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल टू सिविल पोस्ट्स रूल्स 2022 के तहत नियुक्त संविदा कर्मियों को अब राज्य कर्मचारी की तरह ही एक जुलाई या एक जनवरी को वार्षिक पारिश्रमिक बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा। पहली वार्षिक पारिश्रमिक बढ़ोतरी एक वर्ष से पहले ही प्राप्त हो सकेगी ताकि सभी पारिश्रमिक बढ़ोतरी की तारीख एक समान हो जाए।
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