दूरबीन द्वारा सर्जरी कर ठीक किया दो दिन के शिशु का जन्मजात विकार
डिलीवरी के दो दिन बाद ही शिशु में यूरेथ्रल वॉल्व नामक जन्मजात विकार का पता चला
ईएचसीसी के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप नूनिया ने बताया कि विश्व में 6 से 8 हजार बच्चों में से एक को यह समस्या होती है।
जयपुर। डिलीवरी के मात्र दो दिन बाद ही शिशु में यूरेथ्रल वॉल्व नामक जन्मजात विकार का पता चला। इस विकार में शिशु के लिंग में एक वॉल्व जैसी संरचना बन गई थी जिसके कारण उसका पेशाब निकल ही नहीं पा रहा था। ऐसे में इस शिशु के मात्र दो दिन की उम्र में ही चिकित्सकों ने पीडियाट्रिक यूरोलॉजी एंडोस्कोपिक सर्जरी कर बच्चे को राहत दी। ईएचसीसी के सीनियर यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप नूनिया ने बताया कि विश्व में 6 से 8 हजार बच्चों में से एक को यह समस्या होती है।
ऐसे में हमें उसकी इमरजेंसी सर्जरी करनी पड़ी जिसमें दूरबीन द्वारा लिंग में वॉल्व तक पहुंच कर उसे लेजर द्वारा जला दिया गया और बिना चीरे के अवरुद्ध रास्ते को खोला गया। अगर यह सर्जरी समय पर नहीं होती तो बच्चे की पेशाब की नली और किडनी खराब हो सकती थी। इसके अलावा हॉस्पिटल में एक महीने के बच्चे की लेप्रोस्कोपिक पायलोप्लास्टी भी की गई जोकि इतनी कम उम्र में इस प्रोसीजर करने का राजस्थान का संभवत: पहला केस रहा।
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