सरकार का फरमान, चयन ग्रेड केवल नियमित नियुक्ति के बाद की गई सेवा पर लागू होगा

वित्त विभाग ने कर्मचारी पात्रता और वेतन निर्धारण संबंधी आदेश जारी किए

सरकार का फरमान, चयन ग्रेड केवल नियमित नियुक्ति के बाद की गई सेवा पर लागू होगा

वित्त विभाग ने 25 जनवरी 1992 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें वर्ग-IV, मंत्रालयिक और अधीनस्थ सेवाओं तथा पृथक पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए चयन ग्रेड निर्धारित किया गया था

जयपुर। राज्य सरकार ने चयन ग्रेड के निर्धारण के लिए कई आदेशों में संशोधन किए और सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों के बाद यह स्पष्ट किया है कि चयन ग्रेड केवल नियमित नियुक्ति के बाद की गई सेवा पर लागू होगा, न कि अस्थायी या अनुबंध पर की गई सेवा पर। वित्त विभाग ने चयन ग्रेड के लिए कर्मचारी पात्रता और वेतन निर्धारण संबंधी आदेश जारी किए है। सरकार ने 25 जनवरी 1992 से वर्ग-IV, मंत्रालयिक, अधीनस्थ सेवाओं और पृथक पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए चयन ग्रेड की शुरुआत की थी।

वित्त विभाग ने 25 जनवरी 1992 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें वर्ग-IV, मंत्रालयिक और अधीनस्थ सेवाओं तथा पृथक पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए चयन ग्रेड निर्धारित किया गया था। 21 अक्टूबर 1993 को जारी आदेश में 25 जनवरी 1992 के आदेश के पैरा 3 में एक अपवाद जोड़ा गया था। 19 मई 1997 को वित्त विभाग ने सिंचाई विभाग को पत्र लिखकर यह स्पष्ट किया था कि जूनियर इंजीनियरों को चयन ग्रेड 9, 18 और 27 वर्षों की सेवा पर मिलेगा, जैसा कि 21 अक्टूबर 1993 के आदेश में उल्लेखित था। 17 फरवरी 1998 को एक नया आदेश जारी किया गया था, जिसमें यह निर्देश दिया गया कि 9, 18 और 27 वर्षों की सेवा की गणना नियमित नियुक्ति की तिथि से की जाएगी, न कि अस्थायी/अधीनस्थ सेवा की अवधि को शामिल किया जाएगा।

29 जून 2009 और 20 अगस्त 2010 को चयन ग्रेड के संबंध में दो और आदेश जारी किए गए, जिनमें चयन ग्रेड की स्वीकृति को नियमित नियुक्ति की तिथि से जोड़ते हुए, अस्थायी/अधीनस्थ सेवा को ध्यान में नहीं रखा गया। इसके बाद 20 अगस्त 2010 को संशोधन किया गया कि जिन कर्मचारियों को 29 जून 2009 से पहले अस्थायी सेवा के आधार पर चयन ग्रेड दिया गया था, उन मामलों की पुनः समीक्षा नहीं की जाएगी।चयन ग्रेड के लिए अस्थायी सेवा की अवधि की गणना करने के मामले में विभिन्न कर्मचारियों ने राजस्थान उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएँ दायर की थीं। सर्वोच्च न्यायालय ने 8 मई 2009 को "State of Rajasthan Vs. Jagdish Narain Chaturvedi" मामले में यह निर्णय दिया कि चयन ग्रेड के लिए केवल वही सेवा स्वीकार्य होगी जो नियमित नियुक्ति के बाद की गई हो। इसकी पालना में आदेश जारी किए है।

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