फिरोजपुर फीडर की डीपीआर तैयार होने से राजस्थान को बंधी आस
नहर की आयु 50 साल थी, जो डेढ़ दशक पहले ही खत्म हो गई
पुनर्निर्माण के बाद राजस्थान को बढ़ोतरी के साथ मिल सकेगा 13845 क्यूसेक पानी
जयपुर। फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण को लेकर राजस्थान सरकार के आग्रह के बाद पंजाब सरकार ने भी डीपीआर तैयार कर केन्द्रीय जल आयोग को सौंप दी है। आयोग की ओर से डीपीआर को मंजूरी मिलने के बाद निविदा आमंत्रित कर फीडर के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू किया जा सकेगा ताकि 9.52 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई के लिए पूरा पानी मिल सके और इसका किसानों को सीधा लाभ हो सके।
लंबे समय से चल रही मांग
क्षेत्र के काश्तकारों की लम्बे समय से की जा रही फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर राज्य सरकार ने इसकी बजट में भी घोषणा की। इसके बाद इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी तैयार की गई। पंजाब एवं राजस्थान राज्य की संयुक्त मुहिम के चलते डीपीआर पंजाब राज्य के सिंचाई विभाग की ओर से केन्द्रीय जल आयोग नई दिल्ली में प्रस्तुत की है।
पंजाब और राजस्थान का अंशदान शामिल
प्रोजेक्ट रिपोर्ट अनुसार पुनर्निर्माण उपरांत फिरोजपुर फीडर की आकल्पित क्षमता 11,192 क्यूसेक से बढ़कर 13845 क्यूसेक हो जाएगी। पुनर्निर्माण के इस कार्य पर कुल 652.64 करोड़ रुपए खर्च होना प्रस्तावित है। इसमें पंजाब राज्य का अंशदान लगभग 58.50 प्रतिशत (राशि 381.79 करोड़) एवं राजस्थान राज्य का 41.50 प्रतिशत (राशि 270.85 करोड़) अंशदान प्रस्तावित है, जो कि केन्द्रीय जल आयोग की ओर से डीपीआर की स्वीकृति उपरांत ही अन्तिम रूप से निर्धारित हो पाएगा। फीडर की रिलाइनिंग उपरांत इससे निकलने वाली आठ नहर प्रणाली सिस्टम (जिसमें बीकानेर कैनाल सिस्टम भी शामिल है) के 9.52 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को सीधा लाभ प्राप्त होगा तथा हरिके बैराज पर अधिक पानी प्राप्त होने की स्थिति में फिरोजपुर फीडर में भी कैपेस्टी में बढ़ोतरी होने के कारण अधिक पानी का प्रवाह किया जाना संभव हो पाएगा। इसका लाभ बीकानेर कैनाल में भी कैपेस्टी अनुसार अधिक पानी का प्रवाह होने पर गंगनहर क्षेत्र के काश्तकार लाभान्वित होंगे।
डीपीआर की स्वीकृति उपरांत शीघ्र निविदा आमंत्रित कर आगामी बंदी में यथासंभव फिरोजपुर फीडर का पुनर्निर्माण का कार्य प्रारंभ करने के प्रसास किए जाएंगे।- धीरज चावला, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन
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