burecrates
ओपिनियन 

जाने राज-काज में क्या है खास

जाने राज-काज में क्या है खास धुकधुकी तो भगवा वाले भाईसाहबों में भी है, लेकिन हाथ वाले भाई लोगों की हालत ज्यादा ही खराब है। राज का काज करने वाले लंच केबिनों में बतियाते हैं कि पॉलिटिक्स में तो पता नहीं क्या होगा, मगर उन साहब लोगों के चेहरों पर चिन्ता की लकीरें साफ दिखाई देने लगी हैं, जो रात के अंधेरों में दोनों ही देवरों पर ढोक लगा रहे हैं।
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