केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने की 'निपुण भारत' मिशन की शुरुआत, प्री-स्कूल से कक्षा तीसरी तक के बच्चों पर फोकस

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने की 'निपुण भारत' मिशन की शुरुआत, प्री-स्कूल से कक्षा तीसरी तक के बच्चों पर फोकस

केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रत्येक बच्चे को कक्षा तीन तक मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान उपलब्ध कराने के विजन को पूरा करने की ओर एक कदम आगे बढ़ाते हुए वर्चुअल माध्यम से निपुण भारत राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान मिशन का शुभारंभ किया।

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2026-27 तक प्रत्येक बच्चे को कक्षा 3 तक मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान उपलब्ध करवाने के विजन को पूरा करने की तरफ एक कदम आगे बढ़ाते हुए सोमवार को वर्चुअल माध्यम से 'निपुण भारत' नामक राष्ट्रीय मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान मिशन का शुभारंभ किया। निशंक ने कहा कि 'निपुण भारत' मिशन में प्री-स्कूल से लेकर कक्षा तीसरी तक के 3 से 9 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों पर फोकस किया जाएगा और कक्षा 4 एवं 5 के उन बच्चों को अतिरिक्त शिक्षा सामग्री उपलब्ध करवाई जाएगी, जिन्हें बुनियादी कौशल प्राप्त नहीं हो सका है।

इस अवसर साक्षरता और संख्या ज्ञान के महत्व को समझाते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेरा मानना है कि साक्षरता और संख्यात्मक कौशल की अच्छी बुनियाद सीनियर कक्षाओं में बच्चे की पढ़ाई पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और शिक्षा में बच्चे की रुचि भी विकसित करती है। देश के सभी बच्चों को इसकी बुनियादी समझ को विकसित करने के लिए हमारे प्रधानमंत्री ने इस मिशन को शुरू करने के लिए पिछले साल सितंबर में आयोजित शिक्षक पर्व के अवसर पर ही अपना विजन सभी के साथ साझा किया था।

निशंक ने आगे कहा कि साक्षरता और संख्या ज्ञान का सीधा प्रभाव व्यस्कों की आय और अगली पीढ़ी के लिए बेहतर स्वास्थ्य जैसे उनके भविष्य के जीवन के परिणामों पर पड़ता है। मूलभूत साक्षरता के इसी महत्वपूर्ण पहलू को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2021-22 के लिए 2130.66 करोड़ रुपए के स्वीकृत बजटीय आवंटन के साथ समग्र शिक्षा के तहत निपुण भारत की शुरुआत की जा रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि निपुण भारत के कार्यान्वयन और निगरानी में सामुदायिक भागीदारी की अहम भूमिका है। उन्होनें कहा कि माता-पिता, शिक्षकों और बच्चों की भागीदारी निश्चित ही इस मिशन में महत्वपूर्ण साबित होगी और मुझे पूरी उम्मीद है कि इस मिशन की सफलता के लिए राज्य, जिला, ब्लॉक स्तर के अधिकारी, स्वयंसेवी संस्थाएं, स्थानीय निकाय, पंचायती राज संस्थाएं, सभी आपस में कुशलता के साथ समन्वय करेंगे।

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