नीट-पीजी परीक्षा 4 महीने टली, 100 दिन कोविड ड्यूटी करने वाले MBBS छात्रों को नौकरी में मिलेगी प्राथमिकता
देश में कोरोना संक्रमण की बेकाबू होती दूसरी लहर के बीच मोदी सरकार ने नीट-पीजी की परीक्षा को चार महीने के लिए स्थगित कर दिया है। अब एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों को कोविड ड्यूटी में लगाया जाएगा। उन्हें कोविड-19 के लिए टेली-कंसल्टेशन और मध्यम दर्जे के कोरोना संक्रमण वाले मामलों में मरीजों को मॉनिटर करने के कार्यों में लगाया जाएगा।
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की बेकाबू होती दूसरी लहर के बीच मोदी सरकार ने नीट-पीजी की परीक्षा को चार महीने के लिए स्थगित कर दिया है। अब एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों को कोविड ड्यूटी में लगाया जाएगा। उन्हें कोविड-19 के लिए टेली-कंसल्टेशन और मध्यम दर्जे के कोरोना संक्रमण वाले मामलों में मरीजों को मॉनिटर करने के कार्यों में लगाया जाएगा। एमबीबीएस छात्र प्रशिक्षित फेकल्टी की देखरेख में ये काम करेंगे, जिससे कोविड-19 ड्यूटी के लिए बड़ी संख्या में योग्य चिकित्सक उपलब्ध होंगे।
नवाजा जाएगा कोविड नेशनल सर्विस सम्मान से
स्वास्थ्य मंत्रालय के ज्वॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने बताया कि नीट-पीजी की परीक्षा होने से एक महीने पहले छात्रों को इसकी जानकारी दी जाएगी ताकि उन्हें तैयारियों के लिए पर्याप्त समय मिल सके। केंद्र सरकार ने इस मसले पर राज्यों को भी लेटर लिखा है। केंद्र ने कहा है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश की सरकारें हर नीट पीजी कैंडिडेट तक पहुंचने की कोशिश करें और जरूरत के इस वक्त में उन्हें कोविड वर्क फोर्स में शामिल करने के लिए राजी करें।
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना के मौजूदा हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को विशेषज्ञों के साथ बैठक की थी। बैठक में लिए गए फैसलों के मुताबिक चिकित्सा प्रशिक्षुओं को कोविड-19 प्रबंधन कार्यों के लिए उनके संकाय की निगरानी में तैनात किया जाएगा। साथ ही बीएससी नर्सिंग या जीएनएम पास नर्सों को वरिष्ठ चिकित्सकों और नर्सों की निगरानी में कोविड-19 मरीजों की सेवा में पूर्णकालिक उपयोग किया जा सकता है। कोविड ड्यूटी में 100 दिन पूरे करने वाले मेडिकल कर्मियों को प्रधानमंत्री की ओर से कोविड नेशनल सर्विस सम्मान से नवाजा जाएगा। साथ ही भविष्य में नियमित सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता दी जाएगी। चिकित्सा छात्रों और पेशेवरों को कोविड संबंधी कामकाज में तैनात करने से पहले उनका टीकाकरण किया जाएगा। साथ ही उन्हें चिकित्साकर्मियों के लिए मिलने वाले सरकारी बीमा योजना का लाभ भी दिया जाएगा।
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