पोशाक को लेकर असमंजस, गरिमा कैसे पूर्ण करें शिक्षक
ज्य सरकार ने मार्च में जारी किए थे निर्देश, अप्रैल में विभाग के अधिकारियों ने बदले
निर्देशों में संयुक्त शासन सचिव ने जींस पैंट, टी शर्ट व अशोभनीय वेशभूषा का उल्लेख किया था।
कोटा। राज्य सरकार की ओर से मार्च के अंतिम सप्ताह में सरकारी दफ्तरों में कार्यालय समय के दौरान जिंस पैंट, टी शर्ट, कलरफुल और अमर्यादित कपड़े पहनकर आने पर रोक लगा दी थी। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से 25 अप्रैल को इसके संदर्भ में एक और आदेश जारी किया गया था। जिसमें अधिकारियों ने किसी भी प्रकार के संभावित विवाद से बचने के लिए जिंस पैंट, टी शर्ट जैसे ड्रेस को आदेश से हटाकर उसकी जगह गरिमापूर्ण गणवेश शब्द का उपयोग किया था। ऐसे में विभाग की ओर से गरिमापूर्ण गणवेश का उपयोग तो कर दिया गया, लेकिन गणवेश में किस प्रकार के कपड़े पहनने हैं उस पर कोई गाइडलाइन जारी नहीं की ऐसे में शिक्षकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि क्या पहना जाए और क्या नहीं।
मार्च में सरकार के निर्देश अप्रैल में शिक्षा विभाग के
दरअसल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने तीन माह पहले एक बयान जारी किया था, उसमें शिक्षकों के ड्रेस कोड को लेकर बात कही थी। लेकिन, बाद में आचार संहिता लागू हो गई। इस बीच 28 मार्च को मुख्य सचिव ने बैठक प्रशासकीय बैठक के बाद सभी राजकीय कार्यालयों में अधिकारी और कार्मिक द्वारा गरिमापूर्ण पोशाक, अनुशासन, शिष्टाचार और नैतिकता की पालना सुनिश्चित किए जाने को लेकर निर्देश जारी किए थे। निर्देशों में संयुक्त शासन सचिव नीतू राजेश्वर ने जींस पैंट, टी शर्ट व अशोभनीय वेशभूषा का उल्लेख किया था। इसी संदर्भ में शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी निर्देशों में जींस पैंट और टी शर्ट का उल्लेख नहीं होने के स्थान पर सिर्फ गरिमापूर्ण गणवेश का उपयोग किया था। ऐसे में शिक्षकों में इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
शिक्षक संघों ने कहा स्थिति स्पष्ट करे विभाग
इस आदेश को लेकर बन रही असमंजस की स्थिति में शिक्षक संघों का कहना है कि विभाग इसे लेकर स्थिति स्पष्ट करे। जहां उनका कहना है कि गरिमापूर्ण गणवेश की परिभाषा क्या होगी। इसका आदेश में कहीं पर जिक्र नहीं है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि शिक्षक गरिमापूर्ण गणवेश में आने को तैयार हैं लेकिन पहने क्या इसकी स्थिति विभाग को स्पष्ट करनी चाहिए। सरकार की ओर से जिंस पैंट और टी शर्ट के लिए मना किया है। लेकिन विभाग की ओर से जारी निर्देशों में उसे हटा दिया गया है। ऐसे में विभाग अगर ड्रेस कोड या पहने जाने वाली वेशभूषा तय कर दे तो असंजस की स्थिति खत्म हो। राज्य में कई क्षेत्र ऐेसे हैं जहां अपना अलग पहनावा है। जो सांस्कृतिक होने के साथ में गरिमापूर्ण भी है, अब सरकार को पहनावे के लिए बताना चाहिए कि स्थानीय पहनावा पहने या विभाग की ओर से जारी निर्देशों की पालना करें।
शिक्षकों का कहना है
सरकार की ओर से जारी निर्देशों में गरिमापूर्ण वेशभूषा को स्पष्ट रूप से नहीं बताया गया है। कई इलाकों में महिलाएं साड़ी पहनती हैं कहीं स्थानीय पहनावा। ऐेसे में विभाग को स्पष्ट करना चाहिए कि कर्मचारी शिक्षक क्या पहनें।
- मोहम्मद अय्यूब, शिक्षक
शिक्षा निदेशालय को गरिमापूर्ण पोशाक की स्पष्ट व्याख्या करनी चाहिए। साथ ही शिक्षा विभाग का प्रत्येक कर्मचारी अनुशासन, शिष्टाचार एवं नैतिकता का पूर्ण रूप से पहले से ही पालन करता आ रहा है। ऐसे में गरिमापूर्ण पोशाक का आदेश उद्देश्य क्या है।
- शेर सिंह चौहान, अध्यक्ष, राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ
विभाग की ओर से जारी गरिमापूर्ण पोशाक पहनने का आदेश ठीक है क्योंकि शिक्षक विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्त्रोत होता है। लेकिन विभाग को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि शिक्षक कर्मचारी पहने क्या। जो गरिमापूर्ण हो।
- रमेशचंद्र पुष्करणा, अध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय)
नहीं दे पाए जवाब
वहीं इस मुद्दे पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किसी भी प्रकार की बात करने से मना कर दिया।
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