कनाड़ा में बदले नियम: अब हफ्ते में 24 घंटे कैंपस से बाहर काम कर सकेंगे विदेशी छात्र

भारत के 2 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स कर रहे पढ़ाई

कनाड़ा में बदले नियम: अब हफ्ते में 24 घंटे कैंपस से बाहर काम कर सकेंगे विदेशी छात्र

कनाड़ा सरकार भारत समेत अन्य देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक नया नियम लेकर आई है, इस नियम के तहत अब अंतरराष्ट्रीय छात्र हफ्ते में केवल 24 घंटे तक ही कॉलेज कैंपस से बाहर जाकर काम कर सकेंगे।

जयपुर। कनाड़ा सरकार भारत समेत अन्य देशों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए एक नया नियम लेकर आई है, इस नियम के तहत अब अंतरराष्ट्रीय छात्र हफ्ते में केवल 24 घंटे तक ही कॉलेज कैंपस से बाहर जाकर काम कर सकेंगे। यह नियम इसी साल सितंबर से लागू किया जाएगा। इससे पहले तक अंतरराष्ट्रीय छात्रों को 20 घंटे से अधिक समय तक कैंपस से बाहर काम करने की अनुमति थी, लेकिन ये अस्थाई नीति 30 अप्रैल 2024 तक के बाद खत्म कर दी जाएगी। कनाड़ा के बदले नियम का भारत सहित अन्य देशों के छात्रों को फायदा भी मिलेगा। वहीं, कनाड़ा के भारत में 2 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स पढ़ाई कर रहे है, जो अब 20 के बजाए 24 घंटे तक जॉब कर सकेंगे। विदेशी छात्र यह जॉब 24 घंटे एक सप्ताह में कर सकते है। इससे उन कई विद्यार्थी विदेश को फायदा मिलेगा, जो पढ़ाई का खर्चा जॉब करके पूरा करने में लगे रहते है। उनको अभी तक मुश्किल हो रही थी। 

भारतीयों की पसंद कनाड़ा
कनाड़ा सरकार ने देश में श्रमिकों की कमी को दूर करने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए काम के घंटों पर 20 घंटे की सीमा को अस्थायी रूप से माफ कर दिया था। कनाड़ा भारतीय छात्रों के लिए सबसे अधिक मांग वाला देश है। सीबीआईइ की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, कनाड़ा में 3,19,130 भारतीय छात्र थे। कनाड़ा में स्थित कॉलेजों और विश्वविद्यालयों दोनों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के बीच अधिकांश सीटों पर भारतीयों का कब्जा है। शिक्षा विशेषज्ञों के अनुसार पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच करीब 2 लाख 8 हजार से ज्यादा भारतीय बच्चों ने कनाड़ा पढ़ाई के लिए गई। वहीं, अक्टूबर से दिसंबर के बीच यह आंकड़ा थोड़ा कम हुआ है। ऐसे में इसमें गिरावट आई है। भारत से कनाड़ा में पढ़ाई करने वाले छात्रों में राजस्थान के करीब 10 प्रतिशत छात्र है।

पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करेंगे 
कनाडाई सरकार ने दावा किया है कि अमेरिका और कनाडा में किए गए हालिया अध्ययनों से पता चला है कि प्रति सप्ताह 28 घंटे से अधिक काम करने वाले छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में काफी गिरावट आई है। एक्सपर्ट परिजात मिश्रा के अनुसार कैंपस से बाहर काम करने से अंतरराष्ट्रीय छात्रों को कार्य अनुभव प्राप्त करने और उनके कुछ  खर्चों उठाने में मदद मिलती है।

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