China, म्यांमार से मालदीव तक भारत को घेरने में लगा हुआ है

अब भी खबरदार न हुए तो हो जाएगी देर

China, म्यांमार से मालदीव तक भारत को घेरने में लगा हुआ है

पाकिस्तान, मालदीव, बांग्लादेश और म्यांमार के सहारे भारत को चीन घेरने में लगा है। उसके सिविल की तरह दिखने वाले मिलिट्री बेस लगातार भारत के पड़ोसी देशों में बन रहे हैं।

नई दिल्ली। भारत दुनिया का ऐसा देश है, जो चारों ओर से शत्रुओं से घिरा है। अपना पड़ोसी चीन लगातार उसके लिए एक मुसीबत बनता जा रहा है। चीन भारत के साथ व्यापार कर रहा है, तो उसे ही चारों ओर से घेरता भी जा रहा है। पाकिस्तान, मालदीव, बांग्लादेश और म्यांमार के सहारे भारत को चीन घेरने में लगा है। उसके सिविल की तरह दिखने वाले मिलिट्री बेस लगातार भारत के पड़ोसी देशों में बन रहे हैं। इसके अलावा भारतीय सीमा के करीब चीन का इनफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एक बड़ा खतरा है। इसके बारे में एक्सपर्ट्स चेतावनी दे रहे हैं। रिटायर्ड विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी ने हाल में मीडिया को बताया है कि भारत को चीन के खिलाफ कितना एक्टिव होना होगा।


विंग कमांडर बख्शी ने सबसे पहले चेतावनी देते हुए कहा था कि चीन करगिल के दूसरी तरफ सड़क का निर्माण कर रहा है। इसके अलावा उसे पाकिस्तान से शक्सगान घाटी मिल गई है। जहां चीन रोड बना रहा है, वह सियाचिन ग्लेशियर के करीब है। यह चीन की ओर से एक बड़ा खतरा है। वहीं यहां की सड़क चीन को ग्वादार तक जोड़ेगी। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के नाम पर चीन पीओके से लेकर अफगानिस्तान तक कंट्रोल चाहता है। अक्साई चिन पहले से चीन के पास है। ऐसे में उसके रोड निर्माण से हमें जाग जाना चाहिए। कमांडर ने आगे कहा, हम सिर्फ मीटिंग कर रहे हैं। कैलाश हाइट्स हमने वापस कर दी। हमारी नीतियों में अब बदलाव आना चाहिए।


विंग कमांडर बख्शी ने बातचीत में कहा कि हमारी ब्यूरोक्रेसी सरकार को ठीक एडवाइस नहीं करती है। इसीलिए आर्मी की बात सुनी नहीं जाती। हमारे यहां असैनिक अधिकारियों और सेना में इस बात की बहस होती है कि कौन गृह मंत्रालय से है और कौन रक्षा मंत्रालय से। हमारी यह लड़ाई देख चीन हंसता है। यही देख अब चीन ज्यादा आक्रामक रवैया अपना रहा है। उन्होंने आगे कहा, मालदीव में चीन आ गया है। म्यांमार के कोको आइलैंड में चीन बैठा है। जबकि वह हमारा था। श्रीलंका के हंबनटोटा के साथ उसे बांग्लादेश में भी बेस मिल गए हैं। यहां वह अपनी पनडुब्बी के मेंटीनेंस और रिपेयर का बेस बनाएगा, ताकि उसकी पनडुब्बियों को मरम्मत के लिए वापस चीन न जाना पड़े।

विंग कमांडर बख्शी ने आगे कहा कि चीन अपनी हर कमजोरी को खत्म करने में लगा है। मलक्का स्ट्रेट का वह विकल्प बनाने में लगा है। वह थाईलैंड के साथ मिलकर एक नहर बना रहा है। यह पूछे जाने पर कि आखिर सियाचिन पर चीन की नजर क्यों है, इसे लेकर विंग कमांडर बख्शी ने कहा, इसकी स्ट्रैटेजिक वैल्यू बहुत है। वहां से पीओके डायरेक्ट कनेक्ट हो सकता है। लद्दाख से पीओके तक उसके लिए यह एक फ्रंट बन जाएगा। इसके बाद पाकिस्तान पर कंट्रोल आसान होगा। 

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