सीआरआरआई के प्रतिनिधियों ने किया दौरा, बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का निर्णय अनुसंधान के बाद

सीआरआरआई के प्रतिनिधियों ने किया दौरा, बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का निर्णय अनुसंधान के बाद

सोमवार को केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के चीफ साइंटिस्ट डॉ. एस वेलमुर्गन के नेतृत्व में अन्य सदस्यों ने बीआरटीएस कॉरिडोर का दौरा भी किया

जयपुर। शहरी यातायात को सुविधाजनक बनाने के लिए मानसरोवर, सीकर रोड में बनाए गए बस रेपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) कॉरिडोर को हटान या रखने का निर्णय केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) अथवा अन्य किसी ऐजेंसी से सर्वे रिपोर्ट के बाद किया जाएगा। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद ही बीआरटीएस कॉरिडोर पर राज्य सरकार निर्णय लेगी। इसके लिए सोमवार को केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के चीफ साइंटिस्ट डॉ. एस वेलमुर्गन के नेतृत्व में अन्य सदस्यों ने बीआरटीएस कॉरिडोर का दौरा भी किया। कॉरिडोर में किन-किन मुद्दों को शामिल किया जाएगा इसको लेकर सीआरआरआई जल्द ही जयपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों से वार्ता करने के बाद सर्वे के दौरान कितना पैसा लिया जाएगा इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा। गौरतलब है कि जेडीए ट्रैफिक कंट्रोल की गत माह जेडीए में बैठक में बीआरटीएस को हटाने एवं ट्रैफिक संचालन के लिए कॉरिडोर की स्टडी कराने का निर्णय लिया था। दिल्ली एवं भोपाल में भी बीआरटीएस हटाने से पूर्व भी इसी तरह स्टडी कराई थी और बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने का निर्णय लिया था। 

170 करोड़ की लागत से बना था बीआरटीएस कॉरिडोर
बीआरटीएस कॉरिडोर से सार्वजनिक परिवहन सेवा की बसों का संचालन कर आमजन को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जेएनएनयूआरएम के तहत 170 करोड़ की लागत से वर्ष 2008 में करीब 16 किलोमीटर का बीआरटीएस कॉरिडोर न्यू सांगानेर एवं सीकर रोड पर बनाया गया था। इसमें न्यू सांगानेर रोड पर करीब 9 किमी एवं सीकर रोड पर 7.1 किमी लंबाई में कॉरिडोर बनाया था। कॉरिडोर बनने के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं में कमी नहीं आई तो इसके निर्माण पर सवाल उठे थे। इसके बाद जनवरी 2020 में केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान ने कॉरिडोर हटाने का फैसला किया था, लेकिन इस पर आगे कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब दुबारा से कॉरिडोर का सर्वे करवाकर इस पर कार्रवाई की जाएगी।

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