अक्षय तृतीया: अक्षय फल का चमत्कारी महापर्व

अक्षय तृतीया: अक्षय फल का चमत्कारी महापर्व

भगवान कृष्ण शाश्वत हैं। आज अक्षय तृतीया है और आज के दिन भक्त उनके लिए कुछ भी करते हैं तो उन्हें उसका शाश्वत फल मिलता है, जो कभी नष्ट नहीं होता है।

भगवान कृष्ण शाश्वत हैं। आज अक्षय तृतीया है और आज के दिन भक्त उनके लिए कुछ भी करते हैं तो उन्हें उसका शाश्वत फल मिलता है, जो कभी नष्ट नहीं होता है। आज के दिन की यही विशेषता है और ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन जो भी शुभ कार्य किया जाता है उसका फल कई गुना बढ़ जाता है। विष्णु पुराण में कहा गया है कि इस दिन किया गया दान,तीर्थ और तप अनन्त फलदायी होता है। 
अक्षय शब्द का अर्थ है- जो कभी क्षय अर्थात कम ना हो । अक्षय तृतीया वैशाख महीने के बढ़ते चन्द्रमा का तीसरा दिवस है और आज के दिन से भारत के बहुत से मंदिरों में चन्दन यात्रा शुरू होती है जो पूरे 20 दिन तक जारी रहती है। वृन्दावन के मंदिरों में भगवान को चन्दन का लेप किया जाता है जो ग्रीष्म ऋतु में उन्हें शीतलता प्रदान करता है। चन्दन यात्रा के दौरान नरसिम्हा जयंती भी आती है और इस विशेष दिवस पर भगवान नरसिम्हा को भी चन्दन का लेप लगाया जाता है,भक्त चन्दन की लकड़ी को पीसकर श्री भगवान को प्रेम और भक्ति से लगाते हैं। 
मान्यता यह है कि अक्षय तृतीया के दिन का हर क्षण भाग्याशाली है, क्योंकि इस दिन अति शुभ घटनाएं घटीं।  पुराणों के अनुसार इस दिन त्रेता युग की शुरूआत हुई, पवित्र गंगा नदी का धरती पर अवतरण हुआ,महर्षि वेद व्यास और भगवान गणेश ने आज ही के दिन महाभारत लिखना शुरू किया जिसमें भगवद्गीता भी समाहित है। अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान  परशुराम का जन्म हुआ और युधिष्ठिर की प्रार्थनाओं से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें अक्षय पात्र दिया जिसका भोजन कभी समाप्त नहीं हुआ। अक्षय तृतीया का पावन पवित्र त्यौहार निश्चित रूप से धर्म आराधनाएं, त्याग, तपस्या आदि से पोषित ऐसे अक्षय बीजों को बोने का दिन है जिनसे समयान्तर पर प्राप्त होने वाली फसल न सिर्फ सामाजिक उत्साह को शतगुणित करने वाली होगी वरन अध्यात्म की ऐसी अविरल धारा को गतिमान करने वाली भी होगी जिससे सम्पूर्ण मानवता सिर्फ कुछ वर्षों तक नहीं पीढ़ियों तक स्नात होती रहेगी। अक्षय तृतीया के पवित्र दिन पर हम सब संकल्पित बनें कि जो कुछ प्राप्त है उसे अक्षुण्ण रखते हुए इस अक्षय भंडार को शतगुणित करते रहें। यह त्यौहार हमारे लिए एक सीख बने, प्रेरणा बने और हम अपने आपको सर्वोतमुखी समृद्धि की दिशा में निरंतर गतिमान कर सकें। अच्छे संस्कारों का ग्रहण और गहरापन हमारी संस्कृति बने, तभी अक्षय तृतीया पर्व की सार्थकता होगी। अक्षय तृतीया  किसानों एवं कुंभकारों के लिए विशेष महत्व का दिन है। शिल्पकारों के लिए भी यह बहुत महत्व का दिन है। बैलों के लिए भी बड़े महत्व का दिन है। प्राचीन समय से यह परम्परा रही है कि आज के दिन राजा अपने देश के विशिष्ट किसानों को राज दरबार में आमंत्रित करता था और उन्हें अगले वर्ष बुवाई के लिए विशेष प्रकार के बीज उपहार में देता था। लोगों में यह धारणा प्रचलित थी कि उन बीजों की बुवाई करने वाले किसान के धान्य- कोष्ठक कभी खाली नहीं रहते। यह इसका लौकिक दृष्टिकोण है। यह भी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन अपने अच्छे आचरण और सद्गुणों से दूसरों का आशीर्वाद लेना अक्षय रहता है। साथ ही अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है तथा गृह प्रवेश, पदभार ग्रहण, वाहन खरीदना, भूमि पूजन आदि शुभ कार्य करना अत्यंत लाभदायक एवं फलदायी होते हैं। 

अक्षय तृतीया के दिन सुदामा अपने प्रिय मित्र भगवान कृष्ण से मिले थे, वो दीन थे और उनके पास भगवान को देने के लिए भेंट रुपी चावल के अलावा और कुछ भी नहीं था। भगवान कृष्ण तो बस सच्चे प्रेम और भावे के भूखे हैं तो उन्होंने प्रसन्न होकर अपने सखा सुदामा की झोपड़ी को महल बना दिया।

वृन्दावन में अक्षय तृतीया के दिन ही भक्तों को बिहारी जी के चरणों के दर्शन मिलते हैं और खास बात ये है कि ऐसा बस साल में एक बार आज ही के दिन होता है, तो यह महिमा है अक्षय तृतीया के सौभाग्याशाली दिवस की । आज के दिन अबूझ सावा होता है और सभी मांगलिक कार्य बिना किसी मुहूर्त के संपन्न किये जाते हैं। आज के दिन अगर हम पवित्र सरोवरों में स्नान करें, पूजा- अर्चना करें, दान- पुण्य करें, मन्त्रों का जाप करें जैसे हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे तो हमे दिव्य और अक्षय फल मिलता है। तो आप भी आज के दिन से महामन्त्र का जाप करके और पूजा अर्चना करके अपने इस अक्षय धन का संचय करें , क्योंकि यही एक ऐसा धन है जो हम अपने साथ लेकर जाते हैं ।  आपको अक्षय तृतीया की बहुत बहुत शुभकामनाएं, हरे कृष्ण !
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

Post Comment

Comment List

Latest News

किसानों की जमीनों की नीलामी कांग्रेस की गलत नीतियों की देन : राजेंद्र राठौड किसानों की जमीनों की नीलामी कांग्रेस की गलत नीतियों की देन : राजेंद्र राठौड
भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को बीजेपी ऑफिस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि...
मौसमी बीमारियों की नियमित रूप से करें मॉनिटरिंग : शुभ्रा सिंह
गर्मियों में प्रभारी करेंगे स्कूलों का दौरा, रिपोर्ट आधार पर शैक्षणिक गुणवत्ता पर होंगे फैसले
Jaipur Gold & Silver Price : चांदी 93 हजार पार, शुद्ध सोना 77,000 के निकट
दिल्ली-मुंबई ​​​​​​​एक्सप्रेस वे तीन पर ट्रकों में भिड़ंत, कबाड़ हुए केबिन में फंसे दो लोगों की मौत, दो जने गंभीर घायल
19 हजार किलो से अधिक मिलावटी मसाले सीज
नमूने घटिया मिलने पर 10 दवाओं की आपूर्ति पर प्रतिबंध