नतीजे और संकेत

ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे उत्तर प्रदेश के अलावा विशेषकर पंजाब के देखने को मिले हैं।

नतीजे और संकेत

पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सारे विपक्षी दलों का भ्रम तोड़ते हुए उनका लगभग पूरी तरह सफाया कर दिया है।

उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखण्ड, गोवा और मणिपुर विधानसभाओं के नतीजे लगभग अनुमानों के अनुसार ही सामने आए हैं। मतदान पश्चात के सर्वेक्षणों ने भी जो तस्वीर पेश की परिणाम उन्हीं के आसपास हैं। यह तो स्पष्ट हो गया है कि पांच राज्यों में से चार राज्यों में भाजपा की सरकार बनने जा रही है, लेकिन सबसे ज्यादा चौंकाने वाले नतीजे उत्तर प्रदेश के अलावा विशेषकर पंजाब के देखने को मिले हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने सारे विपक्षी दलों का भ्रम तोड़ते हुए उनका लगभग पूरी तरह सफाया कर दिया है। पंजाब की 117 सदस्यीय विधानसभा की सीटों में से 90 से अधिक सीटों पर कब्जा कर लिया है। कांग्रेस, अकाली दल व भाजपा को भारी झटका लगा है। कांग्र्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोतसिंह सिद्धू, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी तक चुनाव हार गए। कांग्रेस से अलग हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पटियाला से हार गए हैं। ऐसे ही अकाली दल के वरिष्ठ नेता प्रकाश सिंह बादल चुनाव हार गए हैं। यानी पंजाब के मतदाताओं ने इस बार परम्परागत दलों को नकार कर आप के नेता अरविंदर केजरीवाल पर ज्यादा भरोसा किया है। कांग्रेस को इतनी बुरी हार का शायद ही अनुमान था और अकाली दल को भी ऐसी हार की उम्मीद नहीं थी। कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन को मुख्यमंत्री पद से हटाकर दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर जीत का दांव खेला, लेकिन दांव नहीं चला। आप ने पंजाब की जनता से बड़े-बड़े वादे किए हैं तो अब आप सरकार के सामने बड़ी जिम्मेदारी आएगी और उसे कई चुनौतियों से जूझना होगा। इन चुनावों में उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य रहा है, जिसके नतीजों पर सारे देश की नजरें थीं। क्योंकि भारतीय राजनीति के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण राज्य है, जहां से दिल्ली की गद्दी का रास्ता मिलता है। उत्तर प्रदेश में भाजपा को एक बार फिर स्पष्ट बहुमत मिल गया है। कोई चार दशकों के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा कि किसी दल की सरकार को दूसरा मौका मिल रहा है। भाजपा व समाजवादी पार्टी के बीच ही मुख्य टक्कर थी। सपा को अपने यादव, मुस्लिम, जाट व पिछड़े समुदाय के वोट बैंक पर पूरा भरोसा था, लेकिन भाजपा ने सपा का सारा भ्रम तोड़ दिया। महंगाई, बेरोजगारी व किसानों की बदहाली के मुद्दों के बावजूद भाजपा के योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार बचाने में सफल रहे। उत्तराखंड व गोवा में भाजपा व कांग्र्रेस में कांटे की टक्कर मानी जा रही थी, लेकिन इन दोनों ही राज्यों में भाजपा सरकार बनाने जा रही है। ऐसे ही मणिपुर में भी भाजपा को अच्छी सफलता मिली है। नतीजों का स्पष्ट संकेत यह है कि देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वर्चस्व कायम है। भाजपा को टक्कर देना आसान नहीं है। विपक्षी दलों पर इस पर गहन मंथन की जरूरत है।

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