बीड़ी, सिगरेट, गुटका स्मारक से बाहर ही रखे, इनके दाग अच्छे नहीं
इस पहल की सराहना भी करते हैं
स्मारक परिसर में जगह-जगह धूम्रपान ना करने के साइन बोर्ड भी लगे होने चाहिए। यहां सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के कम्पनी कमांडर अमर सिंह और कृष्ण मुरारी भी पर्यटकों को इन चीजों के सेवन से बचने की अपील करते हैं।
जयपुर। शहर के स्मारकों ने विश्व पटल पर अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है। इनकी सुंदरता और स्थापत्य कला पर्यटकों का मन मोह लेती है। इस बीच कई पर्यटक ऐसे भी होते हैं जो अपने साथ धूम्रपान से संबंधित सामान भी स्मारकों में ले जाते हैं। जो कई बार इनका सेवन कर स्मारक परिसर की सुंदरता में दाग लगा देते हैं। ऐसे में स्मारकों को बेदाग रखने के लिए हवामहल स्मारक घूमने आने वाले पर्यटकों से प्रवेश द्वार से पहले ही धूम्रपान से संबंधित वस्तुओं को टोकरे में रखवाया जाता है। ताकि स्मारक की सुंदरता बनी रहने के साथ स्वच्छता भी बनी रहे। यहां आने वाले कई पर्यटक भी इस पहल की सराहना भी करते हैं। उनका कहना है कि स्मारक के प्रवेश टिकट पर धूम्रपान से संबंधित चीजों को यहां साथ ना ले जाने का संदेश भी प्रिंट होना चाहिए। इसके अतिरिक्त स्मारक परिसर में जगह-जगह धूम्रपान ना करने के साइन बोर्ड भी लगे होने चाहिए। यहां सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के कम्पनी कमांडर अमर सिंह और कृष्ण मुरारी भी पर्यटकों को इन चीजों के सेवन से बचने की अपील करते हैं।
हवामहल स्टाफ की ओर से ये अच्छा इनिशिएटिव है। स्मारकों की सुंदरता बनाए रखना हमारी भी जिम्मेदारी है। पर्यटन स्थलों के अंदर धूम्रपान से संबंधित सामग्री ले जाना बिल्कुल गलत है।
- पर्यटक सुभाष गुले, महाराष्ट्र निवासी
यहां बीड़ी, सिगरेट, गुटका आदि चीजें अंदर नहीं ले जाने दी जा रही है। यह अच्छी बात है। इससे स्मारक परिसर में स्वच्छता बनी रहेगी। यहां के अन्य पर्यटन स्थलों पर भी इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए।
- पर्यटक उत्कर्ष, दिल्ली निवासी
स्मारक के प्रवेश द्वार पर टोकरी रखवा रखी है। जिन पर्यटकों के पास धूम्रपान से संबंधित सामान बीड़ी, सिगरेट, गुटका, तम्बाकू आदि होते हैं। उनको स्मारक के बाहर टोकरी में रखवा दिया जाता है, ताकि स्मारक में स्वच्छता बनी रहे। वापसी में कई पर्यटक इन्हें ले जाते हैं। जो बच जाते हैं, उन्हें डस्टबिन में डलवा दिया जाता है।
- सरोजनी चंचलानी, अधीक्षक, हवामहल स्मारक
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