धोखाधड़ी के मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार
कॉलोनी विकसित करने का झांसा देकर हड़पे लाखों रुपए
स्पेशल इंनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने सोमवार देर रात को कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है ।
कोटा । स्पेशल इंनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) ने सोमवार देर रात को कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है । एसआईटी ने आरोपी तेजेंद्र पाल सिंह उर्फ रिंपी व राजेंद्र गुप्ता को जेल से प्रोडक्शन वारंट से गिरफ्तार किया है । दोनों आरोपियों को एसआईटी ने भीमगंजमंडी पुलिस थाने में दर्ज एक धोखाधड़ी के मामले में ेिगरफ्तार किया था। जबकि आरोपी रविंद्र सिंह को कोटा से गिरफ्Þतार किया गया है। आरोपियों ने एक राय होकर फरियादी ओम प्रकाश खत्री को अपने झांसे में लेकर बजाज रेजीडेंसी में आवासीय कॉलोनी में एक हजार वर्ग गज का भूखंड देने के नाम पर लाखों रुपए की राशि हड़प कर ली थी । इस मामले में फरियादी ने कैथूनी पोल पुलिस थाने में आरोपियों के खिलाफ धोधाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था।
डिप्टी एसपी एवं एसआईटी के अनुसंधान अधिकारी अमर सिंह राठौड़ ने बताया कि फरियादी ओम प्रकाश खत्री ने पुलिस थाना कैथूनपोल पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया था कि आरोपी तेजेंद्रपाल सिंह उर्फ रिंपी, जो क्लोथ मार्केट का अध्यक्ष है, उसका पूर्व परिचित है। जिससे आरोपी ने उसे ग्राम रामनगर तहसील लाडपुरा जिला कोटा में बजाज रेजिडेंसी के नाम से जसवंत विहार कोटा-बूंदी रोड पर एक आवासीय कॉलोनी विकसित करने की बात कही थी। साथ ही उसे भी कॉलोनी में एक हजार वर्ग गज का एक भूखंड 8.60 लाख रुपए में क्रय करने का प्रस्ताव रखते हुए बताया कि उक्त भूखंड की राशि को चार किश्तों में लिया जाएगा। जिसमें उसे प्रथम किश्त डेढ़ लाख , दूसरी किश्त 2-2लाख रुपए की होगी और तीसरी अंतिम किश्त 3.10लाख रुपए ली जाएगी । उक्त भूखंड के एवज में 8.60 लाख कुल राशि पेमेंट करनी होगी। इसके बाद उसके नाम भूखंड का इकरारनामा मुख्तारनामा और वसीयतनामा कर देगा। पीड़ित ने बताया कि उसके बाद आरोपी की बातों में आ गया और आवासीय कॉलोनी में एक हजार रुपए के भूखंड के लिए उसने तीन किश्तों में साढ़े पांच लाख रुपए भी दिए थे। इसके बाद आरोपी ने भूखंड को उसके नाम कर दिया। इसी दौरान उसे पता चला कि उक्त भूखंड मनमीत सिंह निवासी नोएडा , उत्तर प्रदेश के नाम से है । जो कूट रचित दस्तावेज और हस्ताक्षर के जरिए मुख्तार के आधार पर आरोपी राजेंद्र गुप्ता के नाम पंजीयन करवाया गया है। जिसकी न्यायालय में निरस्ती की कार्रवाई लंबित है और स्टे लगाया हुआ है। आरोपियों ने 31 मई 2015 से पूर्व उससे साढ़े 5 लाख रुपए तीन किश्तों में प्राप्त कर लिए, लेकिन आरोपियों ने उसे उक्त भूखंड का कोई मालिकाना हक नहीं दिया और नहीं उसकी रकम लौटाई ।
इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 406, 467, 468 ,471, 120- बी आईपीसी में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था। अनुसंधान के दौरान मामले की जांच एसआईटी को दी गई थी। एसआईटी की जांच में आरोपी तेजेन्द्र पाल सिंह उर्फ रिंपी ने खसरा 151 रक्वा 0.88 हैक्टेयर एवं खसरा नंबर 173 रक्वा 0.51 हैक्टेयर एवं खसरा नंबर 541/160 का रक्वा 0.44 हेक्टेयर का एक भाग राजेन्द्र गुप्ता के नाम से खरीदा गया है। जबकि आरोपी बुकिंग से पूर्व मालिक नहीं थे। मामले में अनुसंधान के दौरान में पाया गया कि आरोपी राजेन्द्र गुप्ता से साढ़े दस बीघा जमीन की पॉवर आॅफ अटॉर्नी लेकर रविंद्र सिंह ने अपेक्षा गु्रप एसोसिएट एलएलपी कंपनी के जरिए मुख्य डारेक्टर मुरली मनोहर नामदेव को लाखों रुपयों में बेच दी। आरोपियों ने उक्त भूखंड को कूट रचित दस्तावेज तैयार कर फरियादी से लाखों रुपए हड़प लिए थे। अनुसंधान के दौरान आरोपियों को दोषी मानते हुए एसआईटी ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों से गहनता से पूछताछ की जा रही है।
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