गोपालपुरा बाइपास की अवैध बिल्डिंग स्वामियों में बढ़ी दहशत

निगम ग्रेटर ने आवासीय योजना में 232 बिल्डिंगों में माना था व्यावसायिक उपयोग, 77 को दिए थे नोटिस

गोपालपुरा बाइपास की अवैध बिल्डिंग स्वामियों में बढ़ी दहशत

गोपालपुरा बाइपास के दोनों तरफ आवासीय भूखंडों पर व्यावसायिक उपयोग करने वालों को नगर निगम ग्रेटर ने सर्वे कर करीब 232 बिल्डिंगों को चिह्नित कर 77 भूखंड स्वामियों को नोटिस दिए गए थे पर बीच मे नोटिस की कार्रवाई रूक गई थी।

जयपुर। वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा लीक प्रकरण के मुख्य आरोपियों की गोपालपुरा बाइपास स्थित बिल्डिंग में किराए पर संचालित कोचिंग सेंटर के चलते गत 9 जनवरी को जयपुर विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई करते हुए ध्वस्त किया था। अब उसके पास ही आवासीय योजना में बनी अवैध रूप से बनी पांच मंजिला बिल्डिंग पर लगातार दूसरे दिन शनिवार को ध्वस्त कर दिया गया। इस बिल्डिंग के टूटने से उन भवन मालिकों में दहशत बढ़ गई, जिन्होंने गोपालपुरा बाइपास पर अवैध तरीके से आवासीय जमीन पर कॉमर्शियल बिल्डिंग बना रखी है। उधर, जेडीए ने अब उन सभी 69 बिल्डिंग के दस्तावेज भी खंगालने शुरू कर दिए हैं, जो पिछले लम्बे समय से सील हैं। जेडीए की सतर्कता शाखा अब ऐसी बिल्डिंगों के कानून अड़चनों को दूर करके उन पर कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। जेडीए की सतर्कता शाखा ने सुबह करीब आठ बजे कार्रवाई शुरू  करने से पहले बिल्डिंग के चारों तरफ  गिरा मलबा हटाया और बिल्डिंग के पिलर को पोकनेल मशीन से कमजोर किया। करीब दो घंटे के बाद बिल्डिंग ताश के त्तों की तरह ढह गई। मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया कि मुख्य गोपालपुरा बाइपास गुर्जर की थड़ी पर सुखविहार योजना के भूखंड संख्या 34 पर यह बिल्डिंग बनी है। 296 गज के आवासीय भूखंड पर बनी इस बिल्डिंग में व्यवसायिक उपयोग के लिए कंस्ट्रक्शन कर लिया था। बिल्डिंग के बनने के दौरान नोटिस दिया गया था, लेकिन भूखण्ड मालिक ने जेडीए की ट्रिब्यूनल कोर्ट से स्टे लेने के बाद इसका निर्माण जारी रखा। पिछले साल जब कोर्ट सील खोलने के आदेश दिए थे तब जेडीए को बिना सूचना दिए भवन मालिक ने भवन की सील खोल दी और निर्माण पूरा करवाकर इस बिल्डिंग को बना लिया था।

12 दिन पहले तोड़ी थी पास वाली बिल्डिंग
करीब 12 दिन पहले ही जेडीए ने इस बिल्डिंग से लगती हुई एक और पांच मंजिला बिल्डिंग तोड़ी थी। इस बिल्डिंग में अधिगम कोचिंग चलता था, जिसके संचालक वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा लीक प्रकरण के मास्टर माइंड थे। जेडीए ने इस बिल्डिंग को भी अवैध मानते हुए जमींदोज कर दिया था। 13 जनवरी को कोचिंग संचालक के अजमेर रोड स्थित निजी निवास में भी अवैध निर्माण को ढहाया था। 

निगम ने चिह्नित की 232 बिल्डिंग
गोपालपुरा बाइपास के दोनों तरफ आवासीय भूखंडों पर व्यावसायिक उपयोग करने वालों को नगर निगम ग्रेटर ने सर्वे कर करीब 232 बिल्डिंगों को चिह्नित कर 77 भूखंड स्वामियों को नोटिस दिए गए थे पर बीच मे नोटिस की कार्रवाई रूक गई थी। सैनी ने बताया कि जेडीए ने भी 2019 में गोपालपुरा बाइपास स्थित अवैध कोचिंगों का सर्वे किया और चिह्नित कर नोटिस दिए थे। इसके बाद रिपोर्ट न्यायालय में पेश कर दी गई है। मामला न्यायालय में विचाराधीन है।  

चार साल में 76 बिल्डिंग तोड़ी
सैनी ने कहा कि जेडीए ने 2019 से 2022 तक जयपुर शहर में करीब 76 बिल्डिंगों को जमीदोज और 142 बिल्डिंग को सील किया है। इनमें से जेडीए ट्रिब्यूनल के आदेशों से 69 बिल्डिंगों को सील मुक्ति के आदेश जारी किए गए है, जिसमें 28 भूखंड स्वामियों ने आदेश के बाद बिना अतिक्रमण हटाए खुद के स्तर पर सील खोल ली गई। 17 बिल्डिंगों की जेडीए ने सील खोली है और 32 बिल्डिंगों पर अपील की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। 

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