श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच 36 घंटे कर्फ्यू में छूट, केंद्रीय बैंक के गवर्नर का इस्तीफा
श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराया
सरकार के सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दिया
कोलंबो। श्रीलंका में गहराते राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच सरकार विरोधी प्रदर्शनों के परिप्रेक्ष्य में लागू 36 घंटे का कर्फ्यू सोमवार को हटा लिया गया। देश में आर्थिक कुप्रबंधन के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर शनिवार को आपातकाल लागू कर दी गयी है। वहीं 36 घंटे के कर्फ्यू के दौरान लोगों को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर इकट्ठा होने पर रोक लगा दी गयी। लोगों ने हालांकि कफ्र्यू का उल्लंघन किया और सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए। बहरहाल कर्फ्यू हटा लिया गया है लेकिन आपातकाल की स्थिति अभी लागू है।
श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराया , केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने दिया इस्तीफा
श्रीलंका में गहराते राजनीतिक और आर्थिक संकट के बीच कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज ने संवेदनशील स्टॉक के सूचकांक में 7.88 प्रतिशत की गिरावट के बाद दूसरी बार सोमवार को कारोबार बंद कर दिया। वहीं केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड काबराल ने अपना इस्तीफा दे दिया है।स्टैंडर्ड एंड पूअर्स का एसएल520 इंडेक्स आज 7.88 फीसदी और ऑल शेयर इंडेक्स में 4.65 फीसदी गिरावट आयी। काबराल ने ट्वीट में कहा,'' कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफा देने के परिप्रेक्ष्य में मैंने आज अपना इस्तीफा महामहिम राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को सौंप दिया है।''
सरकार के सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दिया
इससे पहले श्रीलंका सरकार के सभी मंत्रियों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। शिक्षा मंत्री दिनेश गुणवर्धने ने रविवार की रात बताया कि कहा कि मंत्रियों की कैबिनेट ने प्रधानमंत्री को अपना इस्तीफा दे दिया है।
मंत्री केहेलिया रामबुकवेल ने कहा है कि राष्ट्रपति विपक्ष को नए मंत्रिमंडल में आमंत्रित कर सकते हैं , हालांकि विपक्षी समागी जाना बालवेगया (एसजेबी) के अजित परेरा ने कहा कि कैबिनेट का इस्तीफा एक दिखावा है क्योंकि संविधान के तहत त्यागपत्र राष्ट्रपति को देना होता है। उन्होंने कहा कि जब तक ऐसा नहीं किया जायेगा , एसजेबी किसी भी सरकार में शामिल नहीं होगी।
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