स्कूल प्राइवेट हो या सरकारी, समान यूनिफॉर्म की तैयारी
शिक्षा विभाग सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहा है
दिलावर ने निजी स्कूल संचालकों को मान्यता के प्रकरण को लेकर भी कहा कि मान्यता के लिए तीन श्रेणी बनाकर आवेदन लिए जाने तथा शपथ पत्र को रजिस्टर करने की बजाय पूर्व की भांति नोटेरी कराने की स्कूल संचालकों की मांग पर शिक्षा विभाग सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहा है।
जयपुर। प्रदेश के निजी स्कूलों द्वारा यूनिफॉर्म, जूता, टाई आदि के नाम पर अभिभावकों को एक ही दुकान से खरीदने के लिए विवश किया जा रहा है और मनमाने दाम वसूले जा रहे है। राज्य सरकार अब विचार कर रही है कि सभी स्कूलों की यूनिफॉर्म में एकरूपता लाई जाए, ताकि अमीर-गरीब का भेद मिटे और अभिभावक किसी भी दुकान से गणवेश खरीद सके। प्रदेश के शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि सरकार अब शीघ्र ही प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर अन्य बड़ा कदम उठाने जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इसे लेकर तैयारी करने को कह दिया गया है।
दिलावर ने निजी स्कूल संचालकों को मान्यता के प्रकरण को लेकर भी कहा कि मान्यता के लिए तीन श्रेणी बनाकर आवेदन लिए जाने तथा शपथ पत्र को रजिस्टर करने की बजाय पूर्व की भांति नोटेरी कराने की स्कूल संचालकों की मांग पर शिक्षा विभाग सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहा है।
रोजाना आ रही शिकायत
प्रदेश के निजी स्कूलों की मनमानी की शिकायत मंत्रियों और अधिकारियों के पास आए दिन आ रही है, लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही थी। इस पर अब विभाग कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।
फैक्ट फाइल
- राज्य में नौ से बारहवीं तक के निजी स्कूल-16180 से ज्यादा और कुल स्टूडेंट्स 25 लाख
-1 से 8 तक की स्कूल में 40 लाख में से 22 लाख बेटियां है।
Comment List