ठगों के मकड़जाल में उलझ रहे हैं लोग, कभी फर्जी पुलिस और ईडी बनकर तो कभी ट्रेडिंग के नाम पर ठगे लाखों रुपए
ट्रेंड से भी करोड़ों का चुना लगाया जा रहा है
कोई पुलिसकर्मी बनकर ठगी कर रहा है तो कोई लिंक भेजकर या कोई ईडी का अधिकारी बनकर लाखों रुपए की चपत लगा रहा है।
जयपुर। शहर में शातिर ठगों का मकड़जाल बढ़ता जा रहा है। झांसे में लेकर ठग लोगों को आसानी से ठगी रहे हैं। हर रोज करीब आधा दर्जन ठगी के मामले शहर के अलग-अलग थानों में दर्ज हो रहे हैं। कोई पुलिसकर्मी बनकर ठगी कर रहा है तो कोई लिंक भेजकर या कोई ईडी का अधिकारी बनकर लाखों रुपए की चपत लगा रहा है। इसके अलावा ट्रेडिंग के ट्रेंड से भी करोड़ों का चुना लगाया जा रहा है।
ईडी का अधिकारी बनकर ठगे 5.92 लाख रुपए
बजाज नगर थाने में हिम्मत नगर निवासी राजेन्द्र भंडारी ने रिपोर्ट दी। उनके मोबाइल पर एक फोन आया। फोनकर्ता ने खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड से फर्जी मोबाइल नंबर खरीदकर फर्जी बैंक खाता खोला गया है। खाते से दो करोड़ का लेन-देन किया गया है। पीड़ित को गिरफ्तारी का डर दिखाकर मुम्बई पुलिस का फर्जी गिरफ्तारी वारंट भेजा गया। इस दौरान ठगों ने गिरफ्तारी से बचने के दो सरकारी गोपनीय बैंक खातों की डिटेल भेजी। इनमें पीड़ित ने दो बार में 5.92 लाख रुपए डाल दिए।
आकर्षक स्कीम बता 53.60 लाख रुपए निवेश कराए
कमिश्नरेट के साइबर थाने में जगतपुरा निवासी दीपक वाधवानी ने रिपोर्ट दी है। वह सोशल मीडिया अकाउंट पर सर्फिंग करता रहता है। फेसबुक अकाउंट पर एक महिला ने रिक्वेस्ट भेजी, जिसे स्वीकार कर लिया। बातचीत के दौरान महिला ने दिल्ली निवासी होना बताकर डेल्टा कंपनी में जॉब करना बताकर कमाई के लिए एक आकर्षक स्कीम की जानकारी दी। विश्वास में आकर पीड़ित अलग-अलग समय पर 53.60 लाख रुपए निवेश कर दिए।
महिला ने कमीशन का झांसा देकर ठगा
इसी प्रकार झोटवाड़ा निवासी नीरज कुमावत ने भी साइबर थाने में रिपोर्ट दी है। सोशल मीडिया पर लक्ष्मी नाम की महिला ने संपर्क किया। महिला ने उसे एक टेलिग्राम लिंक से जोड़ लिया। इसके बाद एक टास्क ग्रुप 119 से टास्क पूरे करने पर कमीशन की बात कही। विश्वास में आकर पीड़ित ने ठगों के खातों में कुल 5.57 लाख रुपए डाल दिए। जब पीड़ित ने रुपए निकालने का प्रोसेस किया तो उसे मना कर दिया और 12 लाख रुपए और मांगे।
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