बांसवाड़ा-बाड़मेर में त्रिकोणीय मुकाबला, वोटिंग भी सर्वाधिक

बाड़मेर में केन्द्रीय मंत्री कैलाश, उम्मेदाराम और भाटी में टक्कर

बांसवाड़ा-बाड़मेर में त्रिकोणीय मुकाबला, वोटिंग भी सर्वाधिक

राजस्थान में दूसरे और अंतिम चरण के शुक्रवार को हुए मतदान में शुक्रवार को बाड़मेर और बांसवाड़ा ऐसी दो लोकसभा सीटें है जो चुनावी प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा चर्चित रहीं।

जयपुर। राजस्थान में दूसरे और अंतिम चरण के शुक्रवार को हुए मतदान में शुक्रवार को बाड़मेर और बांसवाड़ा ऐसी दो लोकसभा सीटें है जो चुनावी प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा चर्चित रहीं। दोनों सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है। बांसवाड़ा में कांग्रेस से आए महेन्द्र जीत सिंह मालविया, भारतीय आदिवासी पार्टी यानी बाप के राजकुमार रोत और कांग्रेस के सिंबल लेकर बिना पार्टी के साथ के चुनाव लड़ रहे अरविन्द्र डामोर मैदान में हैं। यहां कांग्रेस ने बाप के साथ गठबंधन किया था, लेकिन अरविन्द डामोर को पार्टी का सिंबल पहले ही दे दिया था। कांग्रेस के कहने पर वे चुनाव मैदान से नहीं हटे। ऐसे में चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला रहा। कांग्रेस यहां डामोर की जगह बाप के प्रत्याशी रोत के साथ रहीं। डामोर के साथ नहीं दिया। वहीं दूसरी ओर बाड़मेर लोकसभा सीट पर भाजपा के प्रत्याशी केन्द्रीय मंत्री कैलाश चौधरी मैदान में हैं। उनके सामने कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल के साथ ही शिव से विधायक रवीन्द्र सिंह भाटी मैदान में रहे। तीनों के बीच भारी मुकाबला है। दोनों ही सीटों पर किसकी जीत और किसकी हार होगी, कहना मुश्किल है। दोनों सीटों पर चुनावी गहमागहमी भी ज्यादा रहीं। इन दोनों ही सीटों की खासियत यह भी रही कि यहां मतदान भी दूसरे चरण की 13 लोकसभा सीटों में सर्वाधिक रहां। समाचार लिखे जाने तक बाडमेर में प्रदेश की सर्वाधिक 70.98 फीसदी और उसके बाद बांसवाड़ा में 70.20 फीसदी वोटिंग रिकॉर्ड हुई है। 

दोनों सीटें इसलिए चर्चित हुई
बाड़मेर: कांग्रेस के साथ आरएलपी यहां भाजपा के साथ खड़ी दिखी
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी यानी आरएलपी का चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन हुआ था। पार्टी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल को कांगे्रस ने गठबंधन में नागौर सीट दी। यहां से बेनीवाल चुनाव लड़े। कांग्रेस यहां आरएलपी को जीताने में जुटी, लेकिन दूसरे चरण के चुनावों के एक दिन पहले आरएलपी-कांग्रेस गठबंधन के बावजूद आरएलपी के बाडमेर में कार्यकर्ताओं ने खुले रूप में भाजपा को समर्थन दे दिया। 

बांसवाड़ा: कांग्रेस-बाप का गठबंधन हुआ, लेकिन डामोर नहीं माने दूसरी ओर बांसवाड़ा सीट पर क्षेत्रीय समीकरणों के मुताबिक कांग्रेस ने बाप के साथ गठबंधन कर लिया। लेकिन चूंकि उससे पहले यहां डामोर को कांग्रेस ने सिंबल दे दिया था। वे नामांकन भर भी आए। बाद में कांग्रेस नेतृत्व के कहने के बावजूद डामोर ने नामांकन वापस नहीं लिया। वे मैदान में उतर गए। लेकिन कांग्रेस उनके साथ यहां नहीं आई। कांग्रेस यहां बाप को जीताने में जुटी।  

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