दिल्ली में एक्टिव हूं,तो उसका भाई से लिया जा रहा है बदला : गहलोत

भाई के खिलाफ 15 को मुकदमा दर्ज हो गया

दिल्ली में एक्टिव हूं,तो उसका भाई से लिया जा रहा है बदला : गहलोत

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने भाई के सीबीआई की रेड को लेकर बयान दिया है। गहलोत ने कहा कि मैंने तो सीबीआई के डायरेक्टर, ईडी के डायरेक्टर और इनकम टैक्स के चेयरमैन से मिलने का टाइम मांगा था, लेकिन भाई के खिलाफ 15 को मुकदमा दर्ज हो गया और रेड हो गई, तो समझ से अलग है और इस प्रकार हमारे ऊपर जो पहले जो पोलिटिकल क्राइसिस आया था, तब भी उनके यहां पर ईडी की रेड हुई थी।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने भाई के सीबीआई की रेड को लेकर बयान दिया है। गहलोत ने कहा कि मैंने तो सीबीआई के डायरेक्टर, ईडी के डायरेक्टर और इनकम टैक्स के चेयरमैन से मिलने का टाइम मांगा था, लेकिन भाई के खिलाफ 15 को मुकदमा दर्ज हो गया और रेड हो गई, तो समझ से अलग है और इस प्रकार हमारे ऊपर जो पहले जो पोलिटिकल क्राइसिस आया था, तब भी उनके यहां पर ईडी की रेड हुई थी। जोधपुर में 40-45 साल से वह अपने काम करते हैं और मैं अपना काम करता हूं। हमारे परिवार में सिस्टम कभी रहा ही नहीं और राजनीति में इतना हूं कि घर के काम में भी वर्कर की तरह ही जाता हूं। अब अगर दिल्ली में एक्टिव हूं या मैं राहुल गांधी के इस मूवमेंट में मैंने भाग लिया, तो उसका बदला भाई से क्यों लिया जाता है। क्राइसिस जयपुर में सरकार पर आया था, लेकिन तब भी ईडी की रेड वहां पर हो गई, जबकि उनका राजनीति से कोई संबंध ही नहीं है। उनके परिवार में कोई भी परिवार का सदस्य राजनीति में नहीं है। इस प्रकार ईडी के छापे डाल दिए। अब पहुंच गई सीबीआई। इकसा धीरे-धीरे नुकसान बीजेपी को ही है। इस सरकार को ही है कि जितना लोगों को परेशान करेंगे। लोगों को देश में उतना ही बैकलेश इनके लिए होगा।

दिल्ली के 4 दिन के दौरे के बाद जयपुर पहुंचे गहलोत ने एयरपोर्ट पर कहा कि नरेंद्र मोदी के भाई को कोई नहीं जानता है। उसी प्रकार से मेरे भाई को कोई नहीं जानता था। अब उनके यहां सीबीआई का छापा पड़ गया। यह परिवार के जो सदस्य है। उनका क्या कसूर है। अगर राजनीति में कोई व्यक्ति भाग ले रहा है। उसके परिवार वाले पर हमला हो और वो भी सरकार द्वारा, मैं समझता हूं कि इसे उचित नहीं कहा जा सकता है। इससे हम डरने वाले नहीं हैं। मैं आया हूं और वापस जाऊंगा, दिल्ली जाऊंगा। इसके बाद वापस भाग लूंगा। सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर अन्याय हो रहा है। हम कह रहे है कि वह नॉन-प्रॉफिटेबल कंपनियां हैं। वहां का पैसा सोनिया और राहुल गांधी नहीं ले सकते है, जब आप लाभ नहीं ले सकते हो, तो उसमें मनी लॉन्ड्रिंग कैसे हो गई। इसके बाद भी परेशान किया जा रहा है। यह देश देख रहा है। लोगों में आक्रोश है। कार्यकर्ताओं में भी आक्रोश है। इसलिए लोग दिल्ली आ रहे है और मैं समझता हूं कि ये ध्यान डायवर्ट करने के लिए है। देखिए महंगाई बड़ा मुद्दा है। बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है, तनाव है। मैं बार-बार कहता हूं कि लोग समझ नहीं रहे है कि हिंदू-मुसलमानों के बीच में इतनी बड़ी दरार हो गई है, अविश्वास हो गया है कि पता नहीं कब हमला कर दे, जिसकी संख्या कम होती है, वह ज्यादा डरता है। वह हिंदू हो या मुस्लिम हो। क्या यह देशहित में है। देश इस प्रकार विकास कर पाएगा क्या, जब अशांति रहेगी, तनाव रहेगा। प्रधानमंत्री से आग्रह कर रहे है कि अभी जो माहौल देश में बन गया है। इसे लेकर उन्हें अपील करनी चाहिए कि कि देश में शांति बनी रहे। इस पर प्रधानमंत्री कुछ नहीं कह रहे है। उन्हें यह अपील करनी होगी। इन हालातों में देखिए ध्यान डायवर्ट करने के लिए कभी राहुल गांधी को ईडी ने अचानक बुला लिया। 8 साल पहले का केस है। अब क्यों बुलाया गया। अब यह अग्निवीर और अग्निपथ नया शुरू कर दिया।

इजरायल में इस प्रकार का प्रोसेस होता है। वह ऐसा नहीं होता है। वहां का सिस्टम दूसरा है। वहां की आबादी इजरायल की 80 लाख है। राजस्थान की आबादी 8 करोड़ है, तो देखो कितना छोटा इजरायल है। वहां अगर इस प्रकार से सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, और युवाओं के लिए योजना है। वहां अलग तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। अगर इजरायल की तरह यह योजना आई, तो युवाओं को विश्वास में लेना चाहिए था। चिंता है कि कहीं ये आरएसएस के युवा और बीजेपी के युवओं को भर्ती कर के 4 साल की ट्रेनिंग दिलाकर उनको कहां भेजेंगे। हमारे देश की तुलना इजरायल से नहीं कर सकते है। हमारे यहां नौकरियां नहीं है और लोग बेरोजगार है। वहां ऐसा नहीं है। नौकरियां ही नौकरियां है, लेकिन व्यक्ति नहीं मिल रहे है। इसलिए उन्होंने एक सिस्टम बना रखा है। यह सभी कुछ इनके लिए ही भारी होगा।

50 साल से मैं राजनीति कर रहा हूं
गहलोत ने कहा कि 50 साल से राजनीति कर रहा हूं। क्या डराएंगे, जो हाल ही में राजनीति में आए है। एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस में लोग आते है, तो उनका संघर्ष होता है, तब नेता बनता है। इनकी पार्टी में भी कई लोग अचानक आ गए है और सरकारें आ गई। मोदी के नाम पर बड़े-बड़े पद पर आ गए, लेकिन जो संघर्ष होता है। मैं समय मांग रहा हूं। तीनों एजेंसियों से, क्योंकि यह तीनों प्रीमियर एजेंसीज है। प्रतिष्ठित संस्थाएं है, सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी। मैं चाहूंगा कि मैं मुख्यमंत्री के तौर पर उनको बताऊं कि देश में आपके बारे में क्या ओपिनियन बनी हुई है, क्यों बनी हुई है, क्या उन्हें मिलने में परेशानी है। मुख्यमंत्री है, प्रधानमंत्री है, जनता कोई बात कहती है, अच्छी भी लगती है, नहीं भी लगती है, तब भी लोकतंत्र में सुनी जाती है, तो ये तो ब्यूरोक्रेट है, इनको हमारी बात सुननी चाहिए।

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