ग्राम विकास अधिकारी की मनमर्जी निलबंन के बाद भी किया भुगतान

जयपुर मुख्यालय पर ड्यूटी देने के निर्देश

ग्राम विकास अधिकारी की मनमर्जी निलबंन के बाद भी किया भुगतान

आश्चर्यजनक पहलू तो यह है कि निलंबन के बाद भी ग्राम विकास अधिकारी एवं विकास अधिकारी द्वारा लाखों रुपए का भुगतान कर दिया गया। जोकि स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन एवं घोर वित्तीय लापरवाही को दर्शाता है।

सैंपऊ। स्थानीय ग्राम पंचायत मुख्यालय पर तैनात ग्राम विकास अधिकारी को शिकायतों एवं लापरवाही के चलते आखिर विभाग ने निलंबित कर उसको जयपुर मुख्यालय पर ड्यूटी देने के निर्देश दिए गए हैं। ज्ञातव्य है कि राजनीतिक द्वेषता के चलते सरपंच के वित्तीय अधिकार सीज किए गए हैं। ऐसे में ग्राम पंचायत के वित्तीय कामकाज ग्राम सचिव जितेंद्र चाहर एवं विकास अधिकारी अनूप मीणा द्वारा किए जा रहे थे।

ग्राम पंचायत कार्यालय पर प्राय: ताला लगने से आम नागरिकों को दैनिक समस्याओं के निराकरण एवं कागजात तैयार कराने के लिए लंबे समय तक ग्राम पंचायत कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे थे। विगत दिवस हुई जनसुनवाई में त्रस्त लोगों द्वारा संभागी आयुक्त सांवरमल वर्मा से लिखित शिकायत की गई थी। संभागीय आयुक्त एवं जिला परिषद सीईओ के निदेर्शों के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। जिसके बाद पीड़ित लोगों ने उच्च स्तर पर शिकायत की एवं दैनिक नवज्योति में तीन अगस्त को ग्राम विकास अधिकारी नदारद पंचायत मुख्यालय पर लटका ताला, आवश्यक कार्यो के लिए भटक रहे लोग नामक शीर्षक से खबर प्रकाशित करने के बाद विभाग ने संज्ञान लेते हुए पंचायती राज विभाग की निदेशक डॉ प्रतिभा सिंह ने ग्राम विकास अधिकारी जितेंद्र चाहर को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर जयपुर मुख्यालय पर लगाए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। निलंबन के बाद भी भुगतान: आश्चर्यजनक पहलू तो यह है कि निलंबन के बाद भी ग्राम विकास अधिकारी एवं विकास अधिकारी द्वारा लाखों रुपए का भुगतान कर दिया गया। जोकि स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन एवं घोर वित्तीय लापरवाही को दर्शाता है। ग्राम विकास अधिकारी द्वारा 5 अगस्त को 444456 रुपए का भुगतान विजेंद्र सिंह ठेकेदार एवं 444564 रुपए का भुगतान सौरभ नवजीवन संस्थान के राजकुमार को किया गया है।

जब इस संबंध में वीडियो अनूप मीणा एवं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चेतन चौहान से बार-बार फोन करने के बावजूद फोन तक नहीं उठाया। जिसे कि उक्त प्रकरण को छिपाने का प्रयास ही माना जाएगा। इनका कहना है: मेरे संज्ञान में पूरे प्रकरण की जानकारी नहीं है और यदि लापरवाही बरती गई है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी। -अनिल कुमार अग्रवाल, जिला कलक्टर, धौलपुर

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