रेजिडेंट्स डॉक्टर्स की हड़ताल का पाचवां दिन, मरीज हो रहे परेशान
इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर रेजिडेंट्स सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार पर हैं।
जयपुर। नीट कॉउंसलिंग में देरी का विरोध कर रहे देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर्स के समर्थन में प्रदेश के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने भी पिछले पांच दिन से सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार कर रखा है। इससे एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों में मरीज परेशान हो रहे हैं। ओपीडी में इलाज नहीं मिल रहा है वहीं रूटीन ऑपरेशन भी लगातार टाले जा रहे हैं। सिर्फ इमरजेंसी ऑपरेशन ही किये जा रहे हैं।
जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स की ओर से गुरूवार को भी एसएमएस अस्पताल सहित एसएमएस मेडिकल कॉलेज से जुड़े अन्य अस्पतालों में सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर रेजिडेंट्स सम्पूर्ण कार्य बहिष्कार पर हैं। हालांकि सीनियर डॉक्टरों ने मोर्चा संभाल रखा है लेकिन मरीजों की भीड़ के आगे मुट्ठी भर सीनियर डॉक्टर नाकाफी साबित हो रहे हैं। जार्ड अध्यक्ष अमित यादव ने बताया कि केंद्र सरकार पीजी कॉउंसलिंग को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है। कोर्ट में तारीख लेने की बजाय इस पर केंद्र सरकार को इस मामले पर फैसले की कोशिश करनी चाहिए। हालांकि राजस्थान सरकार ने 1054 रेजिडेंट्स की अस्थायी पदों को स्वीकृति दी है जो कि एक सकारात्मक पहल है लेकिन जब तक सरकार स्तर पर हमसे वार्ता कर गतिरोध को खत्म नहीं किया जाता तब तक हम कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे।
डॉ. यादव का कहना है कि राजस्थान की विभिन्न रेजिडेंट एसोसिएशन के साथ हुई जनरल बॉडी मीटिंग में ये निर्णय लिया गया है की अगर जल्द ही हमारी समस्याओ को प्राथमिकता से नही लिया गया तो हमे आन्दोलन को मजबूरन और सख्त करना पड़ेगा। पीड़ित मरीजों को तनिक सा भी कष्ट ना हो इसलिये इमेरजेंसी सेवाओ को सुचारू रूप से चालू रखा जाएगा इसके आगे की रणनीति सरकार के रैवये को देखते हुए तैयार की जाएगी।
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