जनता के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम हो रहा खिलवाड़

जगह-जगह क्लीनिक खोल कर झोला छाप डॉक्टर कर रहे बीमारों का इलाज

जनता के स्वास्थ्य के साथ खुलेआम हो रहा खिलवाड़

चिकित्सा विभाग की अनदेखी से फर्जी डॉक्टरों के हौसले बुलंद।

दीगोद। जिले के शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब झोलाछाप डॉक्टरों ने अपने पैर जमा लिए हैं। यहां बिना किसी डिग्री या फर्जी डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर बेराकटोक मरीजों का इलाज कर रहे हैं। प्रशासन को इसकी जानकारी होने के बावजूद इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। अधिकारी साल में एक दो कार्यवाही कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेते हैं। जानकारी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में बिना डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। क्षेत्र में ऐसे डॉक्टरों की भरमार है। जिनके पास न तो कोई डिग्री है और न ही स्वास्थ्य विभाग में पंजीकृत हैं। इसके बाबजूद भी इन डॉक्टरों की ओर से जगह-जगह दुकानों में क्लीनिक संचालित कर मरीजों को दवाइयां देकर उनके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। कई झोलाछाप डाक्टर मरीजों को एक कमरे की दुकान में भर्ती कर इलाज कर रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इसके चलते बिना डिग्री वाले यह डॉक्टर बेपरवाह होकर अपने क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। जिसके चलते कई बार ऐसे डॉक्टरों के गलत इलाज देने से कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। लेकिन फिर भी स्वास्थ्य विभाग चेतने का नाम नहीं ले रहा है।

बिना जांच के दी जा रही दवाइयां
जिले में पूरी तरह से अपने पैर जमा चुके झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा मरीजों को बिना जांच के ही दवाइयां दी जा रहीं हैं। जो मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। इन डॉक्टरों द्वारा अधिकतर एंटीबॉयटिक दवाइयां और इंजेक्शन दिए जाते हैं। इनमें से कुछ दवाइयां और इंजेक्शन सामान्य बीमारियों वाले मरीजों में तो काम कर जाती है। अधिकतर मामलों में मरीजों को लाभ नहीं मिल पाता।

हो चुकी हैं कई मरीजों की मौत 
बेबाक होकर जिले के कोने कोने में बैठकर मरीजों का इलाज कर रहे झोलाछाप डाक्टरों की ओर से मरीजों को मौत की चौखट पर पहुंचाने के दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं। एक वर्ष पहले ब्लॉक क्षेत्र में एक युवक को झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इलाज लगाने से मौत हो गई थी। जिसके बाद विभाग ने कार्यवाही भी की थी। 

ब्लॉक में 50 से अधिक क्लीनिक
जानकारी के अनुसार ब्लॉक क्षेत्र में 50 से अधिक ऐसे क्लीनिक संचालित हैं। जिनमें अधिकतर डॉक्टरों के पास डिग्रियां नहीं हैं। इसके बाबजूद भी इनकी ओर से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इन डॉक्टरों की ओर से ग्रामीणों को खांसी, जुकाम, बुखार सहित अन्य सामान्य बीमारियों के इलाज के नाम पर दवाइयां दी जा रही हैं। इनसे दवाइयां लेने के बाद कुछ ही मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिल पाता है। अधिकतर मरीजों को इन डॉक्टरों की दवाइयों से किसी प्रकार का लाभ नहीं मिलता। इसके बाद मरीज शहर के अस्पतालों की ओर रुख करते हैं। इसके चलते मरीज और बीमार हो जाते हैं। दवाइयों के खर्च के साथ समय भी अधिक बढ़ जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन डॉक्टरों के खिलाफ किसी प्रकार की कारवाई नहीं की जा रही है।

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डिग्री किसी और की, कोई और कर रहा इलाज 
ग्रामीण क्षेत्रों में इस समय अवैध दवाखानों का संचालन कर रहे झोलाछापों द्वारा अन्य किसी चिकित्सक की डिग्री को दवाखाने पर रखकर बेधड़क मरीजों का उपचार किया जा रहा है। बिना किसी जानकारी के उपचार से मरीजों की जान पर बन आती है। केस नहीं संभलने की स्थिति में मरीज को रैफर करा दिया जाता है। जान लेने के बाद भी कर रहे इलाज जानकारों ने बताया कि जिले में कई झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज के दौरान मरीजों की मौत हो चुकी है। जिससे डॉक्टर को कोर्ट द्वारा सजा भी दी गई और डॉक्टर को जेल भेज दिया गया। बाद में डॉक्टर जेल से निकलते ही फिर किसी अन्य स्थान में अपने दुकान सजा लेते है और फिर से मरीजों की जान से खिलवाड़ शुरू कर देते हैं। बीसीएमओ, सीएमएचओ को इसकी जानकारी होने के बावजूद झोला छाप डॉक्टर धड़ल्ले से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने में लगे हुए हैं।

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 बिना डिग्री डिप्लोमा के क्षेत्र में दुकान लगाकर कई लोग अपने आप को डॉक्टर बताकर इलाज कर रहे हैं जो कई बार आमजन के लिए घातक साबित होते हैं। जल्द से जल्द ऐसी दुकानें बंद होना चाहिए।
- विनोद मेघवाल, देवपुरा
 
आमजन की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्यवाही होनी चाहिए। क्योंकि इनकी वजह से डिग्री डिप्लोमा लेकर बैठे डॉक्टर भी बदनाम हो रहे हैं। आमजन को यह झोलाछाप डॉक्टर तकलीफ पहुंचा रहे हैं।
- श्याम जांगिड़, उदपुरिया

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चिकित्सा विभाग की अनदेखी के कारण धीरे-धीरे क्षेत्र में देश के विभिन्न प्रदेशों से आकर लोग क्षेत्र मे अपनी दुकानें खोलकर बैठ गए हैं और नीम हकीम के तौर पर लोगों का उपचार कर आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। विभाग को इन पर कठोर कार्यवाही करना चाहिए।
- कमल गोचर, शोली 

इनका कहना है
विभाग समय-समय पर ऐसे झोलाछाप डॉक्टर और क्लीनिक पर कार्यवाही करता है। कुछ समय पहले ब्लॉक क्षेत्र के गड़ेपान में कार्यवाही की गई है। जिस पर मुकदमा दर्ज करवाकर जेल भी भेजा गया है। आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी। हमारा प्रयास है कि किसी भी व्यक्ति को गलत इलाज नहीं मिले। इसके लिए हम सदैव प्रयासरत हैं।
- डॉक्टर राजेश सामर, बीसीएमओ, सुल्तानपुर

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