कोक्लियर इंप्लांट नि:शुल्क; स्पीच थैरेपी संचालक वसूल रहे 15 हजार
चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत सुविधा फ्री
पिछले कुछ समय से स्पीच थैरेपी संचालक मरीजों से सिक्योरिटी के नाम पर 15 से 20 हजार रुपए वसूल रहे है।
जयपुर। प्रदेश में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने बचपन से न सुनने की समस्या से परेशान बच्चों के इलाज के लिए कोक्लियर इंप्लांट का इलाज नि:शुल्क शुरू किया था। इस इलाज में तमाम जांचें, दवाइयां, आपरेशन, कान में लगने वाली मशीन से लेकर आपरेशन होने के बाद की जाने वाली स्पीच थैरेपी तक का खर्च चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत वहन किया जाता है। लेकिन पिछले कुछ समय से स्पीच थैरेपी संचालक मरीजों से सिक्योरिटी के नाम पर 15 से 20 हजार रुपए वसूल रहे है।
जयपुरिया हॉस्पिटल में पिछले महीने आपरेशन हुए एक बच्चे के परिजन जब थैरेपी सेंटर पर मशीन का स्विच आन करवाने और थैरेपी शुरू करवाने पहुंचे तो उनसे ये पैसा लिया गया। इस मामले में मरीज ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जब वे पिछले दिनों सेंटर पर पहुंचे तो वहां उनके 15 हजार रुपए मशीन शुरू करने और सिक्योरिटी के नाम पर लिए। जबकि उनको हॉस्पिटल में कहा गया था कि सेंटर पर मशीन आन करने और स्पीच थैरेपी दोनों के लिए कोई पैसा नहीं देना होगा।
बीमा क्लेम में सब शामिल, पैसा लेना गलत
जयपुरिया हॉस्पिटल में ईएनटी एचओडी और चिरंजीवी नोडल आफिसर डॉ. राघव मेहता से मिली जानकारी के अनुसार कोक्लियर इंप्लांट सर्जरी पूरी तरह से फ्री है। स्पीच थैरेपी और मशीन के स्विच आन करने का भी पैसा मरीज से नहीं लिया जाता है। अगर कोई सेंटर मरीज से पैसा ले रहा है तो ये गलत है। उसकी अगर कोई शिकायत मिलती है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
और ये दी सफाई... सरकार देरी से करती है भुगतान, इसलिए लेते है सिक्योरिटी राशि
एसएमएस के सामने हॉस्पिटल रोड स्थित स्पीच थैरेपी सेंटर के आनर राहुल शर्मा ने बताया कि हम हर मरीज से 15 हजार रुपए सिक्योरिटी के तौर पर चार्ज ले रहे है, क्योंकि सरकार हमे एक मरीज का स्पीच थैरेपी का 70 हजार रुपए देती है जो दो साल बाद मिलता है। इन दो साल में कई बच्चे स्पीच थैरेपी करवाने ही नहीं आते और हमारा पैसा अटक जाता है। इसलिए हम हर मरीज से 15 हजार रुपए सिक्योरिटी के तौर पर लेते है। सरकार के पैसा लेट मिलता है, ऐसे में हम अपने स्टाफ की सैलेरी कैसे दें।
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