बच्चे को हो सकती हैं हाइपोथायराइडिज्म की समस्या
हाइपोथायरायडिज्म न्यू बॉर्न बेबी और बच्चों को हो सकता है।
अगर आपके बच्चे को हाइपोथायराइडिज्म की समस्या है तो उसमें कमजोरी, थकान जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
आपको बच्चे के जन्म के एक हफ्ते में ही थायराइड फं क्शन टेस्ट करवा लेना चाहिए, इससे जन्मजात हाइपोथायराइडिज्म का पता पहली स्टेज पर चल जाता है। हाइपोथायरायडिज्म न्यू बॉर्न बेबी और बच्चों को हो सकता है। अगर ध्यान न दिया जाए तो आगे चलकर ये समस्या बढ़ जाती है। थायराइड ग्लैंड गर्दन के लोअर फ्रंट एरिया में पाई जाती है। बच्चों के विकास के लिए थायराइड हार्मोन जरूरी है। शरीर को एनर्जी मिले, मेटाबॉलडिज्म रेट अच्छा रहे, हार्ट और अन्य ऑर्गन ठीक से काम करें उसके लिए जरूरी है कि थायराइड कंट्रोल में रहे। थायराइड ग्लैंड हार्मोन का निर्माण करती है। अगर आपके बच्चे को हाइपोथायराइडिज्म की समस्या है तो उसमें कमजोरी, थकान जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इन लक्षणों के नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
लक्षण:
अक्सर कब्ज हो जाना।
सांस का तेज गति से चलना।
दिमाग का विकास धीमे होना।
दिल की असामान्य धड़कन।
बच्चे का दूध न पीना।
स्किन ठंडी पड़ना।
थकान होना।
वजन बढ़ना और हाइट कम रह जाना।
उम्र से ज्यादा यंग दिखना।
कारण:
बच्चे की डाइट में आयोडीन की कमी।
बच्चे ने दवाओं का ज्यादा सेवन किया है।
प्रेगनेंसी के दौरान अगर मां को थायराइड है और इलाज न करवाया जाए।
जन्म से ही थायराइड ग्लैंड खराब है।
थायरॉइड को हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी के कारण।
फैमिली हिस्ट्री
पिट्यूटरी ग्लैंड के ठीक से काम न करने के कारण।
उपाय:
बच्चे को पर्याप्त मात्रा में आयोडीन दें,।
बच्चे की डाइट में प्रोटीन की मात्रा एड करें।
बच्चे को शुगर और कैफीन से दूर रखें।
बच्चे को समय-समय पर चिकित्सा सलाह पर ब्लड टेस्ट करवाते रहें।
अगर आपके बच्चे में हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर को जल्द से जल्द दिखाएं।
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