लाइन में नहीं आ रहा प्रेशर, पानी भरने के लिए लगाना पड़ रहा बूस्टर
भीषण गर्मी : शहर के कई इलाकों में आज भी पर्याप्त जलापूर्ति के लिए तरस रही जनता
अमृत योजना के तहत शहर में नया काम होने तक क्या लोगों को पानी के लिए यूं ही परेशान होना पड़ेगा।
कोटा। शहर के कई इलाकों में पानी की समस्या लगातार बनी हुई है, कहीं पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही तो कहीं प्रेशर ही नहीं आ रहा है। शहर के औद्योगिक और नदी पार क्षेत्र में कई इलाके ऐसे हैं जिनमें लोगों को पानी के लिए रतजगा करना पड़ रहा है तो कुछ इलाके ऐसे हैं जहां पानी भरने तक के लिए बुस्टर का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। लोगों को पानी भरने के लिए भी नल और बिजली के दो दो बिल चुकाने पड़ रहे हैं। वहीं जलदाय विभाग के अधिकारी कम प्रेशर की समस्या के समाधान के लिए अमृत योजना का इंतजार करने को कहते हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि अमृत योजना के तहत शहर में नया काम होने तक क्या लोगों को पानी के लिए यूं ही परेशान होना पड़ेगा।
औद्योगिक क्षेत्र में आज भी प्रेशर की समस्या
शहर के औद्योगिक क्षेत्र में सालों से पानी की समस्या बनी हुई है। पहले इलाके में पाइप लाइन नहीं थी तो टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जाती थी। वहीं उसके बाद पाइप लाइन डली तो प्रेशर की समस्या होने लगी जो लाइनों का नवीनीकरण होने के बाद आज तक बनी हुई है। जिसका जलदाय विभाग की ओर से कोई समाधान करने की कोशिश नहीं की जा रही है। औद्योगिक क्षेत्र में शहर की करीब 3 लाख लोगों की आबादी निवास करती है। जिसमें रायपुरा, प्रेम नगर अर्फोडेबल आवासीय योजना, कंसुआ अर्फोडेबल आवासीय योजना, प्रेमनगर, सूरसागर, सूर्य नगर और श्रीराम नगर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जिनमें आज तक भी प्रेशर की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। निवासियों को बाहर सड़क पर ही मोटर लगाकर पानी भरना पड़ता है। जिससे पानी के बिल के साथ साथ बिजली का बिल भी बढ़ जाता है।
नदी पार क्षेत्र में करना पड़ रहा रतजगा
औद्योगिक क्षेत्र के अलावा नदी पार क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए रतजगा करना पड़ता है। क्षेत्र के बापू कॉलानी, बालिता रोड व डिस्पेंसरी के आसपास के कई इलाके में पानी का प्रशर बिल्कुल न के बराबर होता है। ऐसे में प्रेशर कम होने के कारण लोगों को सुबह चार बजे उठकर पानी भरना पड़ जाता है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर इस समय पानी नहीं भरें तो फिर सप्लाई अगले दिन ही होती है और सुबह जल्दी पानी छोड़ने के बाद प्रेशर इतना कम हो जाता है कि बूस्टर से भी नहीं आ पाता। निवासियों का कहना है कि प्रेशर की समस्या के लिए दर्जनों बार विभाग के अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं होता है।
लोगों का कहना है
पानी के प्रेशर की समस्या सालों से बनी हुई है जलदाय विभाग ने यहां मौजूद पाइप लाइनों को भी बदल दिया है इसके बाद भी प्रेशर बिल्कुल कम आता है। विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने पर जलापूर्ति होने की बात करते हैं।
- प्रमोद पारेता, प्रेमनगर आर्फोडेबल
पानी के लिए सुबह जल्दी उठना पड़ता है, सारे काम छोड़कर पहले पानी भरना पड़ता है क्योंकि जलापूर्ति दिन में एक बार ही होती है। जिसमें भी प्रेशर बहुत कम रहने के कारण बूस्टर का उपयोग करना पड़ता है। ऐसे में एक ही सुविधा के लिए दो दो बिल चुकाने पड़ जाते हैं।
- जितेंद्र वर्मा, श्रीरामनगर कॉलोनी
हमारे यहां पानी की सप्लाई शाम को होती है, जो दूसरे काम करने का समय रहता है। ऐसे में अन्य कामों को छोड़कर पहले पानी भरना पड़ता है। पहले सड़क पर ही गड्ढा करके पानी भरना पड़ता था अब बूस्टर लगाना पड़ता है।
- किशनलाल बाजड़, बापू कॉलोनी
प्रेशर की समस्या लगातार बनी हुई है, कई बार तो पानी इतने कम प्रेशर से आता है कि बूस्टर भी काम नहीं पाता। विभाग को कई बार शिकायत कर चुके हैं लेकिन काई समाधान नहीं होता है उल्टा अधिकारी कम से कम जलापूर्ति होने की बात कहते हैं।
- दिनेश मेघवाल, सूरसागर
इनका कहना है
शहर में पर्याप्त रूप से जलापूर्ति की जा रही है, कुछ इलाकों में प्रेशर की समस्या मौजूद है जिसे ठीक कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रेशर की समस्या का पूर्ण रूप से समाधान अमृत योजना 2.0 के बाद ही संभव है। क्योंकि उसमें कई इलाकों में पाइप लाइन का नवीनीकरण किया जाएगा और कुछ में नई लाइन डाली जाएगी।
- प्रद्यूमन बागला, अधीक्षण अभियंता, जलदाय विभाग कोटा
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