डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से कार्रवाई करने को कहेगी सरकार: वैष्णव
कदम न उठाने पर सेफ हार्बर के अंतर्गत प्राप्त सुरक्षा छीन ली जाएगी
डीपफेक मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी चिंता जता चुके हैं। अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को दावा किया कि सरकार डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से चर्चा करने ही वाली है।
नई दिल्ली। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा है कि सरकार जल्द ही डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से कार्रवाई करने के लिए कहेगी। उन्होंने कहा कि अगर डीपफेक को समाप्त करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शीघ्रतापूर्वक पर्याप्त कदम नहीं उठाते, तो उन्हें सेफ हार्बर के अंतर्गत प्राप्त सुरक्षा उनसे छीन ली जाएगी। एक न्यूज चैनल से प्राप्त समाचार के अनुसार वैष्णव ने कहा कि गूगल जैसे बड़े प्लेटफार्म भी सरकार के इस कदम से अछूते नहीं रहेंगे। उल्लेखनीय है कि डीपफेक मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी चिंता जता चुके हैं। अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को दावा किया कि सरकार डीपफेक मुद्दे पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से चर्चा करने ही वाली है।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को दो टूक लहजे में कहा कहा कि उन्हें डीपफेक को हटाना ही होगा। इन्हें इसके लिए कदम उठाने होंगे। वे यदि पर्याप्त कदम नहीं उठाते, तो उन्हें सेफ हार्बर क्लॉज के तहत जो मिली सुरक्षा से हाथ धोना पड़ेगा।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार ने कुछ दिन पूर्व ही डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी किया था और प्लेटफॉर्मों ने संतुलित भाषा में उसका जवाब भी दिया। अब उन्हें ऐसी सामग्री पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना पड़ेगा। मंत्री ने कहा, वे कदम उठा रहे हैं, लेकिन हमें लगता है कि उन्हें कई और कदम उठाने होंगे। और हम बहुत जल्द शायद अगले तीन चार दिनों में सभी प्लेटफॉर्मों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। हम उन्हें इस पर विचार विमर्श के लिए बुलाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि प्लेटफॉर्म इसे रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मेटा और गूगल जैसे बड़े मंचों को भी बुलाया जाएगा। अश्विनी वैष्णव ने सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आईटी अधिनियम के तहत प्लेटफार्मों को वर्तमान में जो सेफ हार्बर इम्युनिटी मिली है, वह तक तब लागू नहीं होगी जब तक कि वे पर्याप्त कार्रवाई नहीं करते। उन्होंने साफ कहा कि इन प्लेटफॉर्मों को भारतीय नागरिकों की निजता और स्वतंत्रता से या देश की एकता और अखंडता से हर्गिज खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। या तो वे भारतीय कानूनों का पालन करें या कार्रवाई के लिए तैयार हो जाएं।
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