एमओयू व एलओआई करने वाले राइजिंग राजस्थान के निवेशकों को सहयोग करेगा आरतिया
राजस्थान में राइजिंग राजस्थान के तहत जो नये निवेशक आ रहे हैं, उनके लिए आरतिया फैसिलिटेशन सेंटर के तौर पर सहयोग करेगी।
जयपुर। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आरतिया) राइजिंग राजस्थान के तहत एम ओ यू और एल ओ आई करने वाले निवेशकों को सहयोग करेगा। इस बारे में आरतिया कोर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया। बैठक में कमल कंदोई, विष्णु भूत, आशीष सर्राफ, प्रेम बियानी, ज्ञान प्रकाश, अजय गुप्ता, विष्णु गोयल, ओ पी राजपुरोहित, सज्जन सिंह और कैलाश शर्मा उपस्थित थे।
टीम आरतिया ने तय किया है कि निवेशक की पहली आवश्यकता परियोजना के हिसाब से जमीन की होती है। राजस्थान के किस किस इलाके में कितनी कितनी सरकारी जमीन उपलब्ध है और उसकी डीएलसी रेट क्या है, यह जानकारी निवेशकों को उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वे उसमें परियोजना अनुरूप जगह का चयन कर सकें।
निवेशकों के लिए दूसरी आवश्यकता होती है, वैधानिक रूप से पानी की उपलब्धता। उल्लेखनीय है कि रीको ने जो 413 औद्योगिक क्षेत्र विकसित घोषित कर रखे हैं, उनमें से 183 औद्योगिक क्षेत्रों में न तो रीको की तरफ से पानी उपलब्ध कराना सुनिश्चित है और न ही जलदाय विभाग से। आरतिया टीम वैधानिक रूप से पानी उपलब्ध कराने में सहयोग करेगी, जिसमें मुख्य प्रक्रिया बोरिंग से पानी लेते समय केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से एन ओ सी हासिल करने की होती है। इस प्रक्रिया में निवेशक को टीम आरतिया पूरा सहयोग करेगी।
तीसरी प्रमुख आवश्यकता इन्फ्रास्ट्रक्चर की होती है, जिस भूमि पर परियोजना लगाई जानी है उस भूमि तक डबल रोड़ कनेक्ट हो, इसके लिए क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों से रोड़ सुविधा सुनिश्चित करवाने के लिए टीम आरतिया पूरा सहयोग करेगी।
परियोजना स्थापित होने के उपरांत अवशिष्ट जल की रिसाइकिलिंग व ट्रीटमेंट प्लांट क्षेत्रीय पंचायत समिति या नगर पालिका के सहयोग से स्थापित करने में सहयोग करेगी। इसके अलावा आरतिया एम एस एम ई क्षेत्रों को फाइनेंस सुलभ करवाने में सहयोग करेगी। आरतिया ने हाल ही यस बैंक से इस संदर्भ में एक करार भी किया है।
राजस्थान में राइजिंग राजस्थान के तहत जो नये निवेशक आ रहे हैं, उनके लिए आरतिया फैसिलिटेशन सेंटर के तौर पर सहयोग करेगी। इसके पीछे भावना है कि जो एम ओ यू या एल ओ आई हुए हैं, वे धरातल पर आयें, ताकि राजस्थान का समग्र विकास हो, यह प्रांत औद्योगिक उत्पादन और रोजगार के लिहाज से देश में नंबर वन बने।
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