पथरी को 90 प्रतिशत तक नष्ट कर सकती हैं ध्वनि तरंगें
अब गुर्दे की पथरी से मरीजों को निजात दिलाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया है।
ध्वनि तरंगों के जरिए गुर्दे की पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जा सकता है।
अब गुर्दे की पथरी से मरीजों को निजात दिलाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया है। इस तकनीक के इस्तेमाल से अब पथरी निकालने के लिए मरीज का ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
एक नए अध्ययन में
पता चला है कि ध्वनि तरंगों के जरिए गुर्दे की पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ा जा सकता है। वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया कि बर्स्ट वेव लिथोट्रिप्सी तकनीक गुर्दे की पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित कर सकती थी, जिससे पेशाब के जरिए उसे आसानी से बाहर निकला जा सकता था।
ऐसे लोगों में जोखिम अधिक
गुर्दे की पथरी तब बनती है, जब किसी व्यक्ति में खनिजों का जमाव होने लगता है और वह इकट्ठा होते-होते कठोर हो जाते हैं। इससे छुटकारा पाने के लिए इसे शरीर से बाहर निकालने की आवश्यकता होती है, लेकिन यह एक अत्यंत दर्दभरी और कठिन प्रक्रिया होती है।
लिथोट्रिप्सी मशीन
उच्च दबाव वाली ध्वनि तरंगों को मरीज के शरीर में भेजती है। ध्वनि तरंगों से पथरी पर फोकस किया जाता है। फिर पत्थरी को तोड़ने के लिए उस पर तरंगों के माध्यम से फोकस किया जाएगा। इसके बाद उसी स्थान पर 1 से 2 हजार शॉक वेब के जरिए वार किए जाते हैं। ध्वनि तरंगों की चोट से पथरी महीन टुकड़ों में टूट जाती है। इसके बाद पथरी के इन महीन टुकड़ों को पेशाब के जरिए बाहर निकाला जा सकता है। इस मशीन से किडनी में मौजूद पथरी को तोड़ने की पूरी प्रक्रिया में 10 मिनट का समय लगता है।
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