वैज्ञानिकों की कल्पना के विपरीत खोज, पृथ्वी के सभी महासागरों के आकार का 3 गुना पानी के भंडार का लगाया पता
पृथ्वी पर पानी धूमकेतु के प्रभाव के माध्यम से नहीं पहुंचा है
पृथ्वी से इसकी दूरी की बात करे, तो यह करीब हमारी सतह के करीब 700 किमी नीचे मौजूद है। इतना नीचे पानी होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
वाशिंगटन। इलिनोइस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की सतह से बहुत नीचे पानी के भंडार का पता लगाने में सफलता हासिल की है। पानी का यह भंडार पृथ्वी के सभी महासागरों के आकार का तीन गुना है। पृथ्वी से इसकी दूरी की बात करे, तो यह करीब हमारी सतह के करीब 700 किमी नीचे मौजूद है। इतना नीचे पानी होने की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक पृथ्वी के पानी की उत्पत्ति का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान शोधकर्ताओं ने एक अप्रत्याशित विशाल खोज की। इस खोज में उन्हें धरती की सतह से 700 किलोमीटर नीचे, पृथ्वी के आवरण के भीतर एक विशाल महासागर मिला। पानी का यह भंडार रिंगवुडाइट नामक चट्टान के अंदर छिपा हुआ मिला। शोध से पला चला है कि पृथ्वी पर पानी धूमकेतु के प्रभाव के माध्यम से नहीं पहुंचा है।
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