बिना फायर एनओसी मैरिज गार्डनों में गूंज रहीं शहनाइयां
मैरिज गार्डनों में ताक पर सुरक्षा, किसी के पास फायर एनओसी ही नहीं
शहर सहित जिले भर में नियमों को ताक में रखकर चल रहे अधिकांश मैरिज गार्डनों में पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है।
बून्दी। शादियों के लिए अगर मैरिज गार्डन और सामुदायिक भवन बुक कर रहे हैं तो सावधानी बरतें। शहर के अधिकांश मैरिज गार्डन या सामुदायिक भवन में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम ही नहीं है। अधिकांश संचालकों द्वारा सुरक्षा इंतजामों को दरकिनार करते हुए सिर्फ सजावट पर ध्यान दिया जा रहा है। शनिवार रात्रि को जेत सागर रोड स्थित परशुराम वाटिका के हाल और गोदाम में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लगने से लाखें रूपए का सामान जल कर खक हो गया। जब घटना हुई तो वहां पर आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। गनीमत यह रही कि घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। यदि शहर के किसी मैरिज गार्डन में इस तरह आग लगने की घटना हो जाएं तो तो बड़ा हादसा हो सकता है। संभवत: जिम्मेदार ऐसे ही किसी हादसे के बाद जागेंगे। अभी आखातीज के सावों में इन अवैध मैरिज गार्डनों में कई कार्यक्रम आयोजित होने हैं, लेकिन जिम्मेदारों का आमजन क सुरक्षा की ओर कोई ध्यान नहीं हैं। जानकारी के अनुसार जहां शहर के अधिकांश मैरिज गार्डन या सामुदायिक भवन के पास अग्निशमन संबंधी पूरी व्यवस्था ही नहीं है, वहीं किसी के भी पास फायर एनओसी ही नहीं है। मैरिज गार्डन बुक कराने से पहले मैरिज लॉन और मैरिज गार्डन की फायर एनओसी जरुर चेक कर लें। हो सकता है जिस बैंक्विट हॉल को आपने बुक किया है उसके पास एनओसी नहीं होने से आने वाले समय में आपके समारोह में खलल पड़ सकता है।
सुरक्षा नहीं सिर्फ डेकोरेशन पर रहता है फोकस
शहर के मैरिज गार्डन संचालक सुरक्षा व्यवस्थाओं की अनदेखी करते हुए सिर्फ डेकोरेशन पर फोकस करते हैं, जिसके चलते कई बार हादसे भी हो चुके हैं। किसी भी प्रकार के हादसे होने पर विभागीय अधिकारी तात्कालिक समय पर आदेश निकाल कर अपने उत्तरदायित्वों की इतिश्री कर लेते हैं। लेकिन बाद में उस आदेश पर कोई अमल ही नहीं होने के चलते बेखौफ होकर शहर के मैरिज गार्डन संचालक आम लोगों की जिंदगी को खतरे में डालकर नियमों की धज्ज्यिां उड़ा रहे हैं। हालांकि शहर में अभी तक किसी मैरिज गार्डन में कोई बड़ी आगजनी जैसी र्दुघटना नहीं हुई हैं, लेकिन चोरी चकारी जैसी कई छोटी बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। शहर में दो दर्जन से अधिक छोटे बड़े मैरिज गार्डन व सामुदायिक भवन हैं। जानकारी के अनुसार इनमें से अधिकांश भवन अवैध हैं और किसी के पास भी फायर एनओसी नहीं है। नगर परिषद के सर्वे ना होने की वजह से न तो इन मैरिज गार्डन का रजिस्ट्रेशन हो पा रहा हैं और नहीं फायर एनओसी के रूप में शुल्क वसूल कर पा रहा है। शहर में संचालित कुछ मैरिज गार्डनों को छोड़ दे तो अधिकांश का संचालन धर्मशालाओं, छात्रावास ही अवैध रूप से किया जा रहा हैं। यदि सही तरिकें से जांच की जाए तो अधिकांश मैरिज गार्डन बंद हो सकते हैं, तो कई का आवंटन भी निरस्त हो सकता हैं।
मोटी रकम वसूलने के बावजूद नहीं है सुरक्षा का इंतजाम
शहर के मैरिज गार्डन संचालक बुकिंग करते समय शादी विवाह वाले से मोटी रकम वसूल करते हैं, लेकिन अधिकांश मैरिज गार्डन में वसूली गई रकम के अनुरूप कोई सुरक्षा के विशेष इंतजाम नहीं होते हैं। जरूरत पड़ने पर इनके इंतजामों की व्यवस्था स्वयं विवाह समारोह आयोजक को ही करनी पड़ती हैं।
नहीं हैं पार्किंग के उचित इंतजाम
शहर सहित जिले भर में नियमों को ताक में रखकर चल रहे अधिकांश मैरिज गार्डनों में पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं है। विवाह समारोह में शामिल होने वाले पार्किंग नहीं होने से लोग रोड पर ही वाहन खड़े करने को मजबूर होते हैं। कई बार तो इन मैरिज गार्डनों के बाहर खड़े वाहनों की वजह से लगे जाम के कारण विवाद की स्थितियां निर्मित होती है।
कचरा नष्ट करने की सुविधा तक नहीं
सुप्रीम कोर्ट के नियम के अनुसार मैरिज गार्डन से निकलने वाले कचरे को गार्डन संचालक को ही नष्ट कराना अनिवार्य है, लेकिन रिहायशी क्षेत्रों के मैरिज गार्डन व होटलों के आसपास देखा जाए, यहां का कचरा बड़ी मात्र में देखने को मिल सकता है। अधिकतर गार्डनों में कचरा उचित ढंग से नष्ट करने की सुविधा तक नहीं है।
50 लाख से ज्यादा का नुकसान का अनुमान
शनिवार रात्रि को जेत सागर रोड स्थित परशुराम वाटिका के हाल और गोदाम में शॉर्ट सर्किट से भीषण आग लगने से लाखों रुपए कीमत का टेंट, डेकोरेशन और इवेंट का समान जलकर खाक हो गया। आग इतनी भीषण थी कि फायर ब्रिगेड और परशुराम वाटिका में लगा बोरिंग व पास में स्थित सैयद साहब की दरगाह पर लगे बोरिंग से भी पानी छोड़ने के बावजूद आग बुझाने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। परशुराम वाटिका का आवंटन सर्व ब्राह्मण महासभ को किया गया हैं, जहां पर मैरिज गार्डन का संचालन श्रृंगी इवेंट्स द्वारा किया जा रहा हैं। संचालक सत्यप्रकाश श्रृंगी के अनुसार यहां पर आग लगने से 50 लाख से अधिक नुकसान का अनुमान हैं।
ये है मैरिज गार्डनों के लिए नियम
- कुल क्षेत्र का 25 फीसदी हिस्सा पार्किंग के लिए आरक्षित।
-प्रत्येक मैरिज गार्डन संचालक को नगर परिषद से अनुमति लेना अनिवार्य।
- मैरिज गार्डन के लिए फायर बिग्रेड की एनओसी अनिवार्य।
-डीजे के लिए भी समय निर्धारित रात 10 से सुबह 8 बजे तक प्रतिबंधित।
- गार्डन में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना जरूरी।
-सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आने-जाने के लिए दो गेट लगाना जरूरी।
-बिजली, पानी और आपात बिजली की व्यवस्था निश्चित मापदंड पर जरूरी।
- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की जवाबदारी भी मैरिज गार्डन संचालक की है।
- गार्डन में केंद्र व राज्य शासन के ध्वनि व वायु प्रदूषण नियम का पालन हो।
शहर में संचालित मैरिज गार्डन और सामुदायिक भवनों का सर्वे करवाया जाकर सुरक्षा इंतजामों की जांच की जाएगी। समय समय पर विभाग इसकी जांच करवाता रहता हैं। यदि कहीं पर गलत तरीके से मैरिज गार्डन का संचालन किया जा रहा हैं तो उचित कार्यवाही अमल लाई जाएंगी।
- अर्जुन लाल मीणा, तहसीलदार, बून्दी
यह सही है कि कई सामुदायिक भवन और मैरिज गार्डन के पास फायर एनओसी नहीं है। यह एक गंभीर मामला है। अभी चुनाव कार्यों में व्यस्तता के चलते इस और ध्यान नहीं दे पाए हैं। जल्दी ही बूंदी शहर में चल रहे सभी होटल मैरिज गार्डन की जांच करवाई जाएगी। फायर एनओसी व अग्निशमन यंत्र उपकरण नहीं पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
- मतीन मंसूरी, सहायक अग्निशमन अधिकारी, नगर परिषद बूंदी
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