एक साल बाद भी बोराबास रैंज में शुरू नहीं हुई जंगल सफारी

कोलीपुरा रैंज में भी सफारी का इंतजार : 35 किमी दूर होने से शहरवासी नहीं जा रहे दरा

एक साल बाद भी बोराबास रैंज में शुरू नहीं हुई जंगल सफारी

वर्तमान में दरा रैंज में ही एक जिप्सी के भरोसे दो पारियों में जंगल सफारी चल रही है।

कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी शुरू हुए करीब एक साल बीत गया। लेकिन, अभी तक शहर के बीच बोराबांस रैंज में सफारी शुरू नहीं हो सकी। जिसकी वजह से शहरवासियों को करीब 35 से 40 किमी दूर दरा सेंचुरी जाना पड़ता है। शहर से दूरी अधिक होने के कारण लोग कनवास रोड स्थित दरा अभयारणय में सफारी को नहीं जा पा रहे। हालात यह हैं, दरा में भी एक ही जिप्सी होने से पर्यटकों को बुकिंग नहीं मिलती। जबकि, वन विभाग ने मुकुंदरा में सफारी के लिए 4 रुट तय किए थे। जिसमें से बोराबांस रेंज में बंधा-बग्गी रोड, अखावा-बलिंडा-बांघ शामिल हैं। वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि बोराबांस का जंगल खूबसूरत होने के साथ शहर में नजदीक है। ऐसे में पर्यटकों की पहुंच आसान होगी और सफारी  का उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा। मुकुंदरा प्रशासन को इसके सकारात्मक प्रयास करना चाहिए। 

इन तीन रुट्स पर सफारी का इंतजार 
वर्तमान में दरा रैंज में ही एक जिप्सी के भरोसे दो पारियों में जंगल सफारी चल रही है। जहां पर्यटकों को सेम-डे बुकिंग भी नहीं मिलती। ऐसे में उन्हें अगले दिन वैटिंग में इंतजार करना पड़ता है। बता दें, दरा रेंज में मौरूकलां-बंजर-रेतिया तलाई-पटपडिया-सावनभादौ का 21 किमी एरिया में ही सफारी करवाई जा रही है। इसके अलावा पूर्व में प्रस्तावित तीन अन्य रूट बोराबांस रेंज में बंधा-बग्गी रोड, अखावा-बलिंडा-बंधा, दूसरा रूट कोलीपुरा रेंज में नागनी चौकी पोस्ट, कालाकोट-दीपपुरा घाटा-कान्या तालाब-नागनी चौकी पोस्ट, तीसरा रूट मंदरगढ़ में बेरियर-मंदरगढ़, तालाब-केशोपुरा-रोझा तालाब होते हुए मंदरगढ़ बेरियर रुट भी शामिल है। ऐसे में यहां भी सफारी शुरू करने करने के प्रयास तेज किए जाने चाहिए। 

बोराबास में इन वन्यजीवों का बसेरा
वाइल्ड लाइफ रिसर्चर रवि नागर ने बताया कि बोराबांस का जंगल बेहद खूबसूरत है। यहां हायना, फॉक्स, जेकॉल, भालू, हिरण, चिंकारा, ब्लैक बक, सांभर, नीलगाय, सिविट केट, रेटल, लंगूर, नेवला, झाऊ चूहा, जंगली खरगोश, चिंटीखोर यानी पैंगोलिन, सेही जंगली चूहा सहित कई वन्यजीवों की मौजूदगी हैं। वहीं, सरीसृप व उभयचर में पायथन, रैट स्नेक, बफ-स्ट्राइप, कीलबैक, चेकर्ड कीलबैक, रेड सैंडबोआ, रेसेल्स वाइपर, टिंÑकेट, कोबरा व चंबल में मगरमच्छ बड़ी संख्या में है। 

इनका कहना है
बोराबांस रैंज में जल्द ही सफारी शुरू करेंगे। इसके प्रयास प्रयास किए जा रहे हैं। 
- जसवीर सिंह भाटी, रैंजर, दरा रैंज मुकुंदरा टाइगर रिजर्व

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