असर खबर का - कृषि सुपरवाइजरों ने फसल अवशेष नहीं जलाने की समझाइश की
दैनिक नवज्योति की खबर का हुआ असर राजपुर में किसानों को फसल गोष्ठी में दी जानकारी
किसानों पर फसल अवशेष जलाने पर लगेगा जुर्माना।
राजपुर। सहरिया क्षेत्र में किसानों द्वारा खेतों में पड़ी फसलों के अवशेषों में आग लगाने का सिलसिला जारी है, इसको लेकर दैनिक नवज्योति ने बीते दिनों प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। उसके बाद कृषि विभाग हरकत में आया और शाहाबाद सहायक कृषि अधिकारी नीरज शर्मा के निर्देशन सभी कृषि सुपरवाइजरों को ग्राम पंचायतों मुंडियर, शाहाबाद, देवरी, राजपुर, खटका आदि ग्राम पंचायतों में भेजकर कृषि विभाग की ओर से कृषक गोष्ठी का आयोजन करने के निर्देश दिए। किसान गोष्ठी बैठकों खेतों में फसलों के अवशेष नहीं जलाने की अपील की। साथ ही किसानों को लोकसभा चुनाव में बिना किसी लालच के निर्भीक होकर मतदान करने की शपथ दिलाई तथा विभाग के वरिष्ठ कृषि पर्यवेक्षक पुरूषोत्तम मेहता ने बताया कि किसान फसल अवशेष का उपयोग विभिन्न प्रकार से काम में लिया जा सकता है। जैसा कि देखा गया है कि गेंहूं व अन्य फसल की कटाई कम्बाईन हार्वेस्टर से की जा रही है। जिसके कारण खेतों में फसल अवशेष रह जाते है। फसल अवशेष को उन्नत कृषि यंत्रों जैसे-कल्टीवेटर, रीपर, हैप्पी सीडर, स्ट्रा रीपर इत्यादि के उपयोग से फसल अवशेष को काटकर या टूकड़े-टूकड़े कर भूसा या चारा बनाया जाकर पशुओं के लिए उपयोग में लिया जा सकता है। साथ ही फसल अवशेषों को मिट्टी में मिश्रित कर मिटटी में मिलाने पर खाद का काम करेगी। कार्बनिक पदार्थ अधिक होने पर लाभदायक जीवांश पदार्थ की मात्रा बढ़ती है, जो मृदा की उर्वरकता शक्ति को बढ़ाती है, परन्तु फसल अवशेषों को जलाने से यह अमूल्य पदार्थ नष्ट हो रहे हैं। फसल अवशेषों को जलाने से मृदा का तापमान बढ़ जाता है जिसके कारण मृदा में उपस्थित सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते है। जिससे फसलों की उत्पादन क्षमता पर विपरित प्रभाव पड़ता है तथा कृषकों पर उत्पादन लागत भी बढ़ जाती है।
फसल अवशेष जलाने पर लगेगा जुर्माना
यदि किसानों की ओर से कृषि अपशिष्ट जलाए जाते हैं तो दो एकड़ भूमि वाले किसानों को 2500 जुर्माना व 2 से 5 एकड़ वाले किसानों पर 5000 इससे अधिक रकबा वाले किसानों को 15000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। प्रदूषण नियंत्रण एवं रोकथाम अधिनियम 1981 की धारा 19 के तहत कृषि अपशिष्ट जलाने पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। गोष्ठी में ग्राम विकास अधिकारी सुभाषचंद भी उपस्थित थे।
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