आईजी की फाइव स्टार टीमें : साइक्लोनर, टोरमाडो और तीसरी आंख जैसी पांच टीमों से अपराध और अपराधी पर कसा शिकंजा

टीमों में वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया है

आईजी की फाइव स्टार टीमें : साइक्लोनर, टोरमाडो और तीसरी आंख जैसी पांच टीमों से अपराध और अपराधी पर कसा शिकंजा

अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाकर  पुलिस के ध्येय वाक्य ‘आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय’ को सार्थक कर सकें। टीमों में वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया है। 

जयपुर। प्रदेश की जोधपुर रेंज में अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने के लिए अलग तरीके से प्रयास किए जा रहे हैं। आईजी रेंज जोधपुर विकास कुमार ने रेंज की पूरी स्थिति को जानकार पांच ऐसी टीमें बनाई हैं जो कानून-व्यवस्था, साइबर क्राइम समेत अन्य अपराधियों नकेल कस सकें। इन सभी टीमों में शामिल किए गए पुलिसकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया, जिससे ये सभी एक्सपर्ट के तौर पर काम कर सकें और जीरो टॉलरेंस महायोजना के तहत अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाकर  पुलिस के ध्येय वाक्य ‘आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय’ को सार्थक कर सकें। टीमों में वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया है। 

एक नजर में पांच टीमें
साइक्लोनर (साइबर कन्ट्रोलशन ऑर्ब्जवेशन एनालिसिस नोड ऑ रेंज)
किसी अपराधी की तकनीकी सूचना के लिए ये टीम काम कर रही है। केस की जांच में साइबर टूल्स का उपयोग करना और साइबर अपराध पर नियंत्रण पाना अहम उद्देश्य में शामिल है। इसके अलावा आवश्यकता पड़ने फील्ड में काम कर रही टीमों को केस में मदद करना भी इस टीम की प्राथमिकता में शामिल है। 

टोरमाडो (टीम ऑफ रेंज फॉर मानिटरिंग एक्शन एंड डेयरडेविल ऑपरेशन)
बदमाशों के खिलाफ फील्ड में चलाए जा रहे ऑपरेशन्स के लिए टोरमाडो टीम बनाई है। अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए दबिश, नाकाबंदी और समय-समय पर छापेमारी की कार्रवाई यही टीम करती है। इसके अलावा रेंज में कानून-व्यवस्था की गम्भीर परिस्थितियों से निपटने के लिए यह टीम प्रभावी कार्रवाई करती है। 

स्ट्रॉंग (स्पेशल टीम ऑफ रेंज फॉर आर्गनाइज्ड एंड नोटोरियस गैंग्स)
यह टीम रेंज में कुख्यात, सक्रिय और आदतन अपराधियों की कुण्डली बनाकर उन पर प्रभावी कार्रवाई करती है। इनामी बदमाशों के साथ-साथ अंतरजिला और अंतर्राज्यीय बदमाशों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए यह टीम तत्परता से समन्वय करती है। 

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एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम)
सोलर संयंत्रों में संगठित रूप से की जाने वाली चोरी, लूट के खिलाफ अंतरजिला समन्वय के लिए यह टीम काम करती है। इसके अलावा रेंज के गंभीर प्रकृति के अनसुलझे प्रकरणों के खुलासे के लिए जांच और जघन्य और संगीन प्रकृति के अपराधों के अनुसंधान में जिला स्तरीय टीमों के सहयोग के लिए प्रभावी भूमिका निभाती है। 

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तीसरी आँख (थर्ड आई)
राज्य स्तरीय और पुलिस मुख्यालय की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियानों की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए तीसरी आंख टीम काम करती है। यह टीम सभी विशेष टीमों की ओर से की जा रही कार्रवाई के आंकड़ों को जुटाती है। इनके अलावा चुनावी प्रबंधन और कार्रवाई की समीक्षा भी इसी टीम ने की है। वहीं रेंज स्तर पर विशेष अभियान चलाने और समन्वय भी यह टीम करती है। 

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इनका कहना है
रेंज में अलग-अलग कामों के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें अपराध, अपराधी, कानून व्यवस्था समेत आंकड़ों को जुटाने का काम भी करती हैं। हर टीम में वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है। टोरमाडो और स्ट्रॉंग टीमों में विशेष क्षमता वाले पुलिसकर्मियों का चयन किया गया है। इन टीमों से रेंज और संबंधित जिलों में प्रभावी कार्रवाई होगी।
- विकास कुमार आईजी, रेंज जोधपुर

Tags: crime

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