डायबिटीज से अब संभव होगी मुक्ति
डायबिटीज दो प्रकार का होता है
देश में डायबिटीज के करीब 7.42 करोड़ मरीज है। डायबिटीज दो प्रकार का होता है, टाइप वन और टाइप टू। अब तक धारणा थी कि एक बार डायबिटीज होने के बाद उसका इलाज संभव नहीं है, लेकिन एक रिसर्च में सामने आया है कि जिन लोगों में डायबिटीज को डायग्नोज हुए एक से डेढ़ साल हुआ है उन्हें आने वाले समय में इस खतरनाक समस्या से हमेशा के लिए निजात मिल सकेगी।
जयपुर। देश में डायबिटीज के करीब 7.42 करोड़ मरीज है। डायबिटीज दो प्रकार का होता है, टाइप वन और टाइप टू। अब तक धारणा थी कि एक बार डायबिटीज होने के बाद उसका इलाज संभव नहीं है, लेकिन एक रिसर्च में सामने आया है कि जिन लोगों में डायबिटीज को डायग्नोज हुए एक से डेढ़ साल हुआ है उन्हें आने वाले समय में इस खतरनाक समस्या से हमेशा के लिए निजात मिल सकेगी। जिस हार्मोन के कारण डायबिटीज होती है। उसकी खोज कर ली गई है। इसके साथ ही रिसर्च में यह भी स्पष्ट हो गया है कि शरीर में से उस हार्मोन को कम कर दिया जाए तो मरीज में से डायबिटीज पूरी तरह से खत्म हो सकती है। फैबकिन नामक इस हार्मोन के कारण लोग डायबिटीज से ग्रसित हो जाते है।
क्या और कैसे काम करता है फैबकिन हार्मोन
सीनियर डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ. पीपी पाटीदार ने बताया कि मोटापा जितना अधिक होगा डायबिटीज होने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। शरीर के एडिपोज टिश्यू में जमा यह फैट जब पिघलता है तब एफएबीपी-4 नामक एक प्रोटीन निकलता है जो कि पैनक्रियाज में पहुंचता है। यहां आने के बाद दो अन्य एंजाइम, एडीके और एनडीपीके के साथ मिलकर यह फैबकिन हार्मोन बन जाता है जो पैनक्रियाज में मौजूद बीटा सेल्स को तेजी से खत्म करने लगता है। इसके कारण बीटी सेल्स में इंसुलिन का निर्माण बंद या कम हो जाता है। इससे कारण उस व्यक्ति को डायबिटीज हो जाती है। फैबकिन हार्मोन को एंटीडॉट से नष्ट करने से डायबिटीज को हमेशा के लिए समाप्त किया और रोका जा सकता है।
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