स्टील्थ सुखोई-57 फाइटर जेट के लिए पुतिन से हो सकती है बात

रूस की दोस्ती कमजोर नहीं हुई है

स्टील्थ सुखोई-57 फाइटर जेट के लिए पुतिन से हो सकती है बात

पेमेंट में दिक्कत और भारत के पश्चिमी प्रतिबंधों के डर की वजह से यह रुक गया था। अब रूस और भारत के बीच पेमेंट का विवाद खत्म हो गया है।

मास्को। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। पीएम मोदी की मास्को यात्रा को इस नजरिए देखा जा रहा है कि वह दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि भारत और रूस की दोस्ती कमजोर नहीं हुई है। भारतीय प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मुलाकात होगी और यूक्रेन युद्ध समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। पीएम मोदी ने आखिरी बार साल 2019 में फार ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने के लिए रूस के व्लादिवोस्तोक शहर पहुंचे थे। यूक्रेन युद्ध के बाद दोनों नेताओं की यात्रा रुक गई थी। माना जा रहा है कि इस बातचीत के दौरान पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट को लेकर चर्चा हो सकती है। पुतिन रूस के सुखोई-57 को लेकर पीएम मोदी से बातचीत कर सकते हैं। भारतीय वायुसेना के रिटायर पायलट विजेंद्र के ठाकुर के मुताबिक पीएम मोदी और पुतिन के बीच बातचीत में एक लॉजिस्टिक सप्लाई समझौते को शामिल किया जा सकता है जो दोनों देशों की सेनाओं के बीच में होगा। इसके अलावा पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के संयुक्त विकास पर फिर से बातचीत शुरू करने तथा परमाणु ऊर्जा पर सहयोग को बढ़ाने पर भी बातचीत हो सकती है। उन्होंने बताया कि दोनों ही देश अब एक बार फिर से रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं जो पेमेंट में दिक्कत और भारत के पश्चिमी प्रतिबंधों के डर की वजह से यह रुक गया था। अब रूस और भारत के बीच पेमेंट का विवाद खत्म हो गया है।

भारतीय वायुसेना ने उठाए थे सवाल
ठाकुर कहते हैं कि भारत का पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट के लिए फिर से बातचीत शुरू करना कई कारणों से एक तर्कपूर्ण फैसला है। इस पांचवीं पीढ़ी के नए फाइटर जेट को सुखोई 57 के आधार पर ही बनाया जाना है। इससे पहले की बातचीत के दौरान भारतीय वायुसेना ने सुखोई 57 की सुपरक्रूज और इसकी रेडॉर पर पकड़ में नहीं आने की क्षमता पर सवाल उठाया था। वहीं भारतीय वायुसेना दो सीटों वाले फाइटर जेट को चाहती थी। इसी के आधार पर भारत ने खुद को सुखोई-57 के प्रोग्राम से खुद को अलग कर लिया था। हालांकि बाद में इसे खरीदने के विकल्प को भारत ने खुला रखा था। भारतीय रक्षा मंत्री ने जुलाई 2018 में कहा था कि हमने इस फाइटर जेट को खरीदने का विकल्प अभी खुला रखा है। इसके बाद से रूस ने भारतीय वायुसेना की बताई हुई कमियों को दूर किया है और आॅपरेशनल टेस्टिंग की है। सुखोई 57 के ताजा वेरिएंट में दो इंजन है जो इसे सुपरक्रूज क्षमता प्रदान करता है। भारत और रूस के बीच यह बातचीत तब शुरू हो सकती है जब चीन और पाकिस्तान दोनों ही रेडॉर की पकड़ में नहीं आने वाले फाइटर जेट को अपनी सेना में शामिल कर रहे हैं।

भारत को चीन और पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों से खतरा
चीन जहां चेंगदू जे-20 को बड़े पैमाने पर शामिल कर रही है, वहीं पाकिस्तानी वायुसेना भी जे-31 स्टील्थ फाइटर जेट को जल्द ही शामिल करने जा रही है। दोनों ही दुश्मन देशों के स्टील्थ फाइटर जेट को शामिल करने से भारत के लिए खतरा बढ़ सकता है। ठाकुर कहते हैं कि इस खतरे को देखते हुए सुखोई-57 की खरीद के लिए फिर से बातचीत शुरू करना भारत के लिए एक अच्छा विकल्प है। रूस इस विमान को स्थानीय स्तर पर उत्पादन में मदद देने को भी तैयार है।

 

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