रानी के दोनों शावकों की बनाई ‘डिजिटल कुंडली’
माइक्रोचिप लगाकर दिया ‘यूनिक आईडी’ नम्बर
वन विभाग के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार आगे भविष्य में जरूरत पड़ने पर मशीन से माइक्रोचिप चैक करने पर इनकी पूरी कुंडली सामने आ जाएगी।
जयपुर। नाहरगढ़ जैविक उद्यान में रह रहे कुछ वन्यजीवों के डिजिटल आईडेंटिफिकेशन के लिए माइक्रोचिप लगाकर उन्हें यूनिक आईडी नम्बर दिया जाता है। ताकि उनके माता-पिता, जन्म सहित अन्य जानकारी का डेटा सुरक्षित रखा जा सके। इसके तहत यहां वुल्फ, बाघों और शेरों में माइक्रोचिप लगाई जाती है। वहीं पिछले दिनों बाघिन रानी के शावकों को भी यूनिक आईडी नम्बर देते हुए माइक्रोचिप लगाई है। ऐसे में इनके माता-पिता और जन्म सहित अन्य जानकारियां डिजिटली रूप में सुरक्षित रहेगी। माइक्रोचिप इनकी पूंछ पर लगाई गई है।
वन विभाग के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार आगे भविष्य में जरूरत पड़ने पर मशीन से माइक्रोचिप चैक करने पर इनकी पूरी कुंडली सामने आ जाएगी। सफेद और गोल्डन शावक तीन माह के हो गए हैं। इसका टीकाकरण करने के साथ ही डि-वार्मिंग भी कर दी गई है। जैविक उद्यान स्थित नियो निटेल केयर में इनकी 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार दोनों शावक अपनी पूरी डाइट ले रहे हैं। पहले की अपेक्षा इनके वजन में भी बढ़ोतरी हुई है। शावकों को अतिशीघ्र जैविक उद्यान में शिफ्ट किया जाएगा।
गौरतलब है कि नाहरगढ़ जैविक उद्यान के अतिरिक्त हाथी गांव में रह रहे हाथियों के भी माइक्रोचिप लगाई जाती है ताकि इनका डेटा भी सुरक्षित रहे।
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