एशियाई खेल टलने से निराशा, अब कॉमनवेल्थ में अपनी ताकत दिखाएगी राजस्थान की सुपर मॉम
एशियाड के साथ कॉमनवेल्थ के लिए भी क्वालिफाई कर चुकी हैं एक बेटी की मां मंजू बाला
मां बनने के बाद नेशनल में की शानदार वापसी
जयपुर। राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय हैमरथ्रोअर मंजू बाला एशियन गेम्स के स्थगित होने से निराश जरूर हैं लेकिन इसी साल बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्हें अपनी ताकत दिखाने का मौका मिलेगा। मंजू इस चुनौती के लिए पूरी तैयारी में हैं। साढ़े पांच साल की बेटी की मां मंजू का कहना है कि उनकी तैयारी पूरी है और वे राष्ट्रमंडल खेलों में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतने के बेहद करीब हैं। बेटी के जन्म और बैक पेन की परेशानी की वजह से मंजू बाला गत जकार्ता एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले पाई लेकिन मां बनने के बाद भी खेल के प्रति अपनी दीवानगी और कड़ी मेहनत के बल पर मंजू ने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्णिम वापसी की और एशियाई खेल और कामनवेल्थ का टिकट भी हासिल कर लिया। कॉमनवेल्थ गेम्स बर्मिंघम में 28 जुलाई से 8 अगस्त तक आयोजित किए जाएंगे।
मां बनने के बाद नेशनल में की शानदार वापसी
चूरू के राजगढ़ की बेटी और झुंझुनूं में पिलानी के लाडूंदा गांव की बहू मंजू 2017 में बेटी की मां बनीं और बेटी की देखभाल में समय देने के कारण जकार्ता एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं ले सकीं। मंजू ने 2018 में लखनऊ सीनियर नेशनल में स्वर्णिम जीत के साथ वापसी की और 2021 में पटियाला और 2022 में कालीकट नेशनल में भी स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने कालीकट में 64.1 मीटर की दूरी नापते हुए एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ के लिए क्वालीफाई कर लिया।
डिप्रेशन में कृष्णा पूनिया के बारे में जानकर मिली प्रेरणा
मंजू ने कहा कि छोटी बच्ची को संभालना और खेल को जारी रखना काफी मुश्किल था लेकिन संयुक्त परिवार में चाचा और मौसी से काफी मदद मिली। बेटी को मौसी के पास छोड़कर प्रेक्टिस के लिए जाती। बैक पेन के कारण भी डिप्रेशन में रही लेकिन कभी हार नहीं मानी। खिलाड़ियों की हिस्ट्री पढ़ी। कृष्णा पूनिया के बारे में जानकर हिम्मत आई। कृष्णा भी खेल के दौरान बैक और नी पेन के कारण काफी तकलीफ में रहीं लेकिन उन्होंने कभी खेल नहीं छोड़ा।
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