बेगूसराय की सियासत में गर्मी : सातों सीटों पर कांटे की टक्कर, खेल मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

रोमांचक मुकाबले के आसार हैं

बेगूसराय की सियासत में गर्मी : सातों सीटों पर कांटे की टक्कर, खेल मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर

बछवाड़ा सीट पर प्रदेश सरकार के खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, जबकि जिले की सभी सीटों पर त्रिकोणीय और रोमांचक मुकाबले के आसार हैं।

बेगूसराय। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 6 नवंबर को होने वाले मतदान में बेगूसराय जिले की सात विधानसभाएं राजनीतिक रूप से सुर्खियों में हैं। इनमें बछवाड़ा सीट पर प्रदेश सरकार के खेल मंत्री सुरेन्द्र मेहता की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है, जबकि जिले की सभी सीटों पर त्रिकोणीय और रोमांचक मुकाबले के आसार हैं।

बेगूसराय: भाजपा बनाम कांग्रेस
बेगूसराय सीट से भाजपा ने मौजूदा विधायक कुंदन कुमार सिंह को पुन: मैदान में उतारा है। उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी अमिता भूषण से होगा। 2020 में कुंदन सिंह ने अमिता भूषण को हराया था। यह सीट पूर्व सांसद भोला सिंह की कर्मभूमि रही है। इस बार यहां 14 उम्मीदवार मैदान में हैं।

चेरिया बरियारपुर : जदयू बनाम राजद
इस सीट पर जदयू ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पुत्र अभिषेक आनंद को टिकट दिया है, जबकि राजद ने पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह के पुत्र सुशील कुमार पर दांव लगाया है। 2020 में राजद के राजवंशी महतो ने मंजू वर्मा को हराया था। यहां 9 प्रत्याशी मैदान में हैं।

मटिहानी: जदयू बनाम राजद
मटिहानी सीट पर जदयू के विधायक राजकुमार सिंह और राजद के नरेन्द्र सिंह उर्फ बोगो सिंह के बीच सीधा मुकाबला है। पिछली बार मात्र 333 मतों से जीतने वाले राजकुमार सिंह ने अब लोजपा छोड़ जदयू का दामन थाम लिया है। कुल 6 उम्मीदवार इस सीट से ताल ठोक रहे हैं।

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साहेबपुर कमाल: राजद की मजबूती बरकरार
यहां राजद ने मौजूदा विधायक सतानंद समबुद्ध को पुन: उम्मीदवार बनाया है। एलजेपी (रामविलास) से सुरेन्द्र विवेक मैदान में हैं। पूर्व मंत्री नारायण यादव का यह पारंपरिक गढ़ रहा है। इस बार 14 प्रत्याशी चुनावी जंग में हैं।

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तेघड़ा: वामपंथ का गढ़
तेघड़ा, जिसे मिनी मॉस्को कहा जाता है, पर भाकपा के विधायक रामरतन सिंह पुन: मैदान में हैं। भाजपा ने रजनीश कुमार को प्रत्याशी बनाया है। यहां वामपंथी राजनीति की ऐतिहासिक पकड़ कायम है। 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
 बछवाड़ा: खेल मंत्री पर नजर
सबसे अधिक चर्चा बछवाड़ा सीट की है, जहां खेल मंत्री और भाजपा विधायक सुरेन्द्र मेहता दोबारा मैदान में हैं। उनका मुकाबला भाकपा के अवधेश राय और कांग्रेस के युवा नेता गरीब दास से है। 2020 में मेहता ने सिर्फ 484 मतों से जीत दर्ज की थी। यह सीट इस बार त्रिकोणीय मुकाबले की गवाही देगी।

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बखरी (सुरक्षित): पासवान बनाम पासवान
भाकपा के मौजूदा विधायक सूर्यकांत पासवान की टक्कर लोजपा (रामविलास) के संजय कुमार से है। 2020 में सूर्यकांत ने भाजपा प्रत्याशी को 777 मतों से हराया था। यहां 9 उम्मीदवार मैदान में हैं।

बेगूसराय का सामाजिक-आर्थिक परिश्य
बेगूसराय की सियासत एक बार फिर पूरे बिहार का ध्यान खींच रही है। भाजपा, राजद, जदयू और वाम दलों के बीच सीधा मुकाबला है। वामपंथ की पुरानी पकड़, भाजपा की संगठनात्मक ताकत और जातीय समीकरणों के बीच यह चुनाव तय करेगा कि बिहार का लेनिनग्राद इस बार किसके हाथ जाता है। कृषि और पशुपालन पर आधारित बेगूसराय में कावर झील, जयमंगला मंदिर, बरौनी रिफाइनरी और आईओसीएल प्लांट जैसी पहचानें हैं।

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