घर में सो रहे 2 चचेरे भाई जिंदा जले :तीसरा गंभीर हालत में जोधपुर रेफर, शॉर्ट सर्किट से आग लगने का अंदेशा
फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया
एक कमरे में सो रहे 2 चचेरे भाई जिंदा जल गए, जबकि तीसरा गंभीर रूप से झुलस गया। उसे जोधपुर रेफर किया गया है। तीनों एक ही कमरे में सो रहे थे। सुबह शोर्ट सर्किट से आग लग गई, जिससे एक ही कमरे में सो रहे 2 चचेरे भाई जिंदा जल गए, जबकि तीसरा गंभीर रूप से झुलस गया है। केयर्न कंपनी की फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया।
बाड़मेर। बाड़मेर ग्रामीण पुलिस थानान्तर्गत जस्तानियों की ढाणी भाड़खा में एक कमरे में सो रहे 2 चचेरे भाई जिंदा जल गए, जबकि तीसरा गंभीर रूप से झुलस गया। उसे जोधपुर रेफर किया गया है। तीनों एक ही कमरे में सो रहे थे। भाड़खा सरपंच ने बताया, भाड़खा जस्तानियों की ढाणी के रहने वाले देवीलाल रात को अपने भाई शंकरराम के घर पर गए हुए थे। शंकराराम का घर देवीलाल के घर से करीब 100 मीटर दूर है।
रात को देवीलाल ने वहीं खाना खाया और सो गए। उनके साथ बेटा जसाराम भी था। जसाराम अपने चचेरे भाई अरुण पुत्र शंकराराम, राजूराम पुत्र पुरखाराम के साथ अलग कमरे में सो गया था। जानकारी अनुसार रविवार अल सुबह शोर्ट सर्किट से आग लग गई, जिससे एक ही कमरे में सो रहे 2 चचेरे भाई जिंदा जल गए, जबकि तीसरा गंभीर रूप से झुलस गया है। जिसे जोधपुर रेफर किया।
दमकल ने पाया काबू
रविवार सुबह करीब 5 बजे अचानक कमरे में आग लग गई और कुछ ही देर में आग फैल गई। आग की लपटें देख परिवार के सदस्य और ग्रामीण भागते हुए आए। पुलिस व प्रशासन को सूचना दी। केयर्न कंपनी की फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। तब तक अरुण और राजूराम जिंदा जल गए थे। वहीं जसराज गंभीर रूप से झुलस गया था। आग पर काबू पाने के बाद जसराज को बाहर निकाल बाड़मेर अस्पताल लाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने के कारण जोधपुर रेफर कर दिया गया है। गौरतलब है, कि देवीलाल की पत्नी का कुछ साल पहले निधन हो गया था। मृतकों में शामिल अरुण मुंबई में प्लास्टिक कप बनाने की फैक्ट्री में काम करता था। दीपावली पर गांव आया हुआ था। राजूराम 7वीं कक्षा में पढ़ता था।

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